गया:बिहार के गया में 2016 के बाद इस साल बाढ़ (Gaya Flood) की स्थिति बनी है. गया शहर के बाईपास रोड और माड़नपुर क्षेत्र के कई मुहल्ले इस बाढ़ के चपेट में आ गए हैं. हालांकि इस बाढ़ के पीछे नदी का जलस्तर बढ़ना या भारी बारिश नहीं है बल्कि नाले पर अतिक्रमण और सफाई नहीं होने के कारण नाले (Mansarwa Drain In Gaya) का पानी बाढ़ का रूप ले चुका है.
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दरअसल, गया शहर के दक्षिणी छोर माड़नपुर बायपास के नजदीक बसे तीन मुहल्ले के लोग एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहे हैं. जिले में लगातार हो रही बारिश से नैली पंचायत के बेलवाटांड़ आहार बांध का टूटना और मनसरवा नाला पर पूरी तरह से अतिक्रमण हो जाने के कारण अशोक विहार कॉलोनी पंतनगर सहित तीन मोहल्लों में बाढ़ आ गया है.
साल 2016 के बाढ़ का दंश हम नहीं भूल पाए हैं. इस साल उसी तरह के बाढ़ जैसे हालात हैं. अगर एक दिन जोरदार बारिश होती है तो तीन मुहल्ले के लोगों को फर्स्ट फ्लोर छोड़ना पड़ेगा क्योंकि पानी इतनी ऊंचाई तक चढ़ जाएगा. 2016 में इन तीन मुहल्ले में हर घर मे लाखों का सामान बर्बाद हुआ था. इस साल गया नगर निगम की लापरवाही और अतिक्रमण से जो हालात बन रहे है, वो काफी भयावह हैं-अनिल कुमार,स्थानीय निवासी
पहले मनसरवा नाले की चौड़ाई 70 फीट थी. भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण कर नाले की चौड़ाई कहीं दस तो कहीं 5 फीट कर दी गई है. अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में इलाके की तस्वीर ही बदल जाएगी और लोगों की परेशानी किस हद तक बढ़ जाएगी, उसकी तो कल्पना भी कर पाना मुश्किल है. नाले के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है.