गया: बोधगया के महाबोधी मंदिर परिसर में बीटीएमसी की ओर से विभिन्न धर्मों के गुरुओं के बीच विचारों का आदान प्रदान हुआ. इस दौरान लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाया गया.
गया में धर्मगुरुओं के बीच विचारों का आदान-प्रदान, पढ़ाया गया मानवता का पाठ
पंडित राम आचार्य ने कहा कि वेदों में ही भारतीय संस्कृति, उपनिषद, आध्यत्मिक ज्ञान और अनुभव की परकाष्ठा है. उन्होंने कहा कि महाबोधी मंदिर खुद सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है. इसलिए सभी को अपने अंदर आपसी भाईचारा और मानवता को लाने की जरूरत है.
सम्राट अशोक के त्यागों का सम्मान करना चाहिए
इस अवसर पर बौद्ध भिक्षु चलिन्दा ने बताया कि इस मौके पर पर सम्राट अशोक की उक्ति को याद करना गलत नहीं होगी. सम्राट अशोक की बुद्धिमता और उनके त्याग का गहराई से सम्मान करना चाहिए.
महाबोधी मंदिर सर्वधर्म समभाव का प्रतीक
वहीं, पंडित राम आचार्य ने कहा कि वेदों में ही भारतीय संस्कृति, उपनिषद, आध्यत्मिक ज्ञान और अनुभव की परकाष्ठा है. उन्होंने कहा कि महाबोधी मंदिर खुद सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है. इसलिए सभी को अपने अंदर आपसी भाईचारा और मानवता को लाने की जरूरत है.