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धर्मनगरी को प्रदूषण से बचायेगा शवदाह गृह, लगाई जा रहीं हैं 10 मशीनें - गया लेटेस्ट न्यूज

धार्मिक नगरी गया को मोक्षधाम भी कहा जाता है. एक पिंड और एक मुंड की प्रथा की वजह से विष्णुपद मंदिर के ठीक बगल में श्मशान घाट है. श्मशान घाट पर प्रदूषण कम करने के लिए प्रदूषण रहित मशीन (क्रिमेशन मशीन) लगाया जा रहा है.

electric crematorium in gaya
electric crematorium in gaya

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Published : Feb 26, 2021, 5:24 PM IST

Updated : Feb 28, 2021, 3:19 PM IST

गया:विष्णुपद श्मशान घाट पर जल्द ही प्रदूषणरहित शवदाह गृह का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. इसके साथ ही यहां पर बढ़ रहे प्रदूषण पर भी काफी हद तक नियंत्रण हो सकेगा. इस श्मशान घाट का धार्मिक महत्व है इसलिए लोग दूर-दूर से शव का दाह संस्कार करने विष्णु मसान घाट आते हैं. ऐसे में श्मशान घाट पर प्रदूषण कम करने के लिए प्रदूषण रहित (क्रिमेशन मशीन) लगाई जा रहीं हैं.

देखें ये रिपोर्ट

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प्रदूषणरहित शवदाह गृह
गया नगर निगम ने आसपास की आबादी और विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मन्दिर को प्रदूषण से बचाने के लिए यह पहल की है. शवदाह अब मशीन द्वारा करवाया जाएगा. जिसमें हिन्दू रीति रिवाज के तहत लकड़ी का उपयोग होगा और हिंदू समाज के लोग शवदाह के वक्त धार्मिक प्रक्रिया को पूरा कर सकेंगे. ये मशीन इलेक्ट्रॉनिक मशीनों से बिल्कुल अलग है. इसमें चिता सजाने से लेकर मुखाग्नि देने और अस्थि लेने तक की व्यवस्था की गई है.

'इस मशीन से प्रदूषण बिल्कुल नहीं होता है. इस मशीन में शवदाह करने से धन ,समय और पर्यावरण की बचत होगी. इस मशीन के जरिये शवदाह करने में एक क्विंटल लकड़ी लगेगा. वहीं सामान्य रूप से शवदाह करने में 3 से 4 क्विंटल लकड़ी लगती है. इस मशीन के जरिये मात्र एक घंटे में शवदाह हो जाएगा.'- अनिल कुमार राय, प्रोजेक्ट इंजीनियर

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लगाई जा रही 10 मशीनें
सामान्य तरीके से शवदाह करने में तीन घंटे तक का समय लग जाता है. इस मशीन के जरिये धुंआ फिल्टर होकर निकलेगा. जिससे पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होता है. गया श्मशान घाट पर दस मशीनें लगायी जा रहीं हैं. बताया जा रहा है कि मार्च तक इन मशीनों को चालू कर दिया जाएगा.

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'एनजीटी का आदेश है कि श्मशान घाट पर प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए. जिसके तहत गया श्मशान घाट पर क्रिमेशन मशीन लगाया जा रहा है. इससे प्रदूषण रहित दाह संस्कार होगा. एक तरह इको फ्रेंडली श्मशान घाट बनाया जा रहा है. श्मशान घाट पर शवदाह में आये लोगों को बैठने के लिए वातानुकूलित आराम गृह और घाट पर पार्क भी बनाया जा रहा है.'- सावन कुमार,नगर आयुक्त,गया नगर निगम

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महत्वपूर्ण है शहर के लिए यह प्रोजेक्ट
गया धाम धार्मिक स्तर पर देश में विख्यात है. यही कारण है कि देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु गया आते हैं और शहर के लिए शवदाह गृह आज की जरूरत है. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में पूरी मेहनत की जा रही है. हाईटेक श्मशान घाट का निर्माण कार्य और अन्य प्रक्रियाएं भी तेजी से पूरी की जा रही है. यह प्रोजेक्ट शहर के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा.

ऐसे काम करेगी यह मशीन

  • क्रिमेशन मशीन पूर्ण रूप से धुआं से प्रदूषण को मुक्त कर देता है.
  • मशीन शवदाह चेंबर से धुआं को हीट एक्सचेंजर में भेजा जाएगा.
  • इसके बाद धुंआ साइक्लोन में जाकर फिल्टर होगा.
  • उसके बाद धुंआ को परिसर में लगायी गई करीब 100 फुट ऊंची चिमनी से आसमान में छोड़ा जाएगा.
  • धुआं छोड़ने से पहले मशीन के माध्यम से उसमें मौजूद हानिकारक तत्व को समाप्त कर दिया जाएगा.
  • आसपास के इलाके और विष्णुपद मंदिर को इसके धुंआ से कोई खतरा नहीं होगा.
Last Updated : Feb 28, 2021, 3:19 PM IST

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