गया: कोरोना की दूसरी लहर में मौत का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है. मगध क्षेत्र के कोविड अस्पताल में हर दिन एक दर्जन के लगभग लोगों की मौत हो रही है. ऐसे ही नालंदा निवासी एक व्यक्ति को भी कोरोना ने अपनी आगोश में ले लिया. मरीज की मौत के बाद बड़ा भाई एम्बुलेंस से शव को विष्णु मसान घाट ले गया. लेकिन उसके पास ना तो पैसे थे और ना ही लोग. जिससे वह भाई का अंतिम संस्कार कर सके. प्रशासन भी यहां पर जैसे कान में तेल डालकर सोया था.
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एंबुलेंसकर्मी ने ले लिए रुपए
दरअसल, नालंदा जिले के रहनेवाले सुधीर राम के चचेरे भाई की मौत कोविड अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गयी थी. कोविड अस्पताल से शव को कोविड प्रोटोकॉल के तहत पैक कर एम्बुलेंस के जरिये विष्णु मसान घाट अत्येष्टि के लिए भेजा गया. एम्बुलेंस कर्मी शव को घाट के नजदीक रख मेहनताना के नाम पर 500 रुपया लेकर चले गए. बेचारे भाई के पास ना तो इतने पैसे थे और ना ही लोग थे कि अपने भाई का अंतिम संस्कार कर सके. बेचारा भाई परिजनों के इंतजार में घंटों भाई के शव के साथ बैठा रहा. आने-जाने वाले लोगों में अपनों की तलाश करता रहा. लेकिन घंटों तक कोई नहीं मिला.