गया:बिहार के अधिकांश जिले में गर्मी के मौसम में अगलगी की घटनाएं बढ़ी हैं. गया की स्थिति को अगर देखें तो पहाड़ी इलाका होने के कारण बहुत ही ज्यादा तपता है. फिर भी पूरे जिले में आज भी पुराने दमकल वाहनों के भरोसे गया जिला स्थित फायर स्टेशन है. 15 साल पुराने बड़े दमकल वाहन की स्थिति बिल्कुल जर्जर है. फिर भी उन्हीं गाड़ियों के कलपुर्जे बदलकर चलाए जा रहे हैं. इन वाहनों के हालात काफी बदतर स्थिति में पहुंच गई है. इस कारण पूरे जिले में कहें तो त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. इस भीषण गर्मी में कहीं पर अगर बड़ी आगजनी होती है तो अग्निशामक की टीम हाथ पर हाथ धरी बैठी रह जाएगी. क्योंकि इनके पास कोई भी नये संसाधन उपलब्ध नहीं है.
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फायर अधिकारी ने भी माना पुराना व्हीकल एक बड़ा खतरा - फायर बिग्रेड के अधिकारियों के द्वारा बताया गया कि गया जिले में मार्च माह से अगलगी की घटना (Fire Brigade In Bihar) बढ़ी है. उनके अनुसार कच्चे मकान और फसलों में आग लगने की घटना काफी हुई. भयावह तरीके के अगलगी से निपटने के लिए गया फायर स्टेशन के पास कोई भी उपाय नहीं हैं. पूरे जिले को सरकार के द्वारा राम भरोसे रखा गया है, जो काफी भयावह है. किसी तरह सीमित संसाधन के बीच अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग अपने पसीने बहाते दिखते है. इस समय भी जिले के अधिकांश थानों में अब तक दमकल वाहन उपलब्ध नहीं हुए. जिससे काफी हद तक निर्भरता गया फायर स्टेशन पर ही रहती है.
मिली जानकारी के मुताबिक गया जिले में 53 लाख से अधिक की आबादी है. लेकिन जिला मुख्यालय के पास मात्र 28 दमकल वाहन (Only Twenty Eight Fire Brigade Vehicle In Gaya) है. आधे से अधिक दमकल जर्जर हालत में है. वैसे दमकल वाहनों में बड़े दमकल वाहनों की संख्या 16 है. विभाग के पार दमकल वाहन 15 वर्षों से अधिक पुराने हो चुके है. गया फायर स्टेशन के पास उपलब्ध बड़े दमकल वाहनों की स्थिति दयनीय है. दमकल कर्मियों की भी कमी के कारण सीमित संसाधन में ही फायर स्टेशन को काम करना पड़ता है. वैसे संयोग से हाल के वर्षों में बड़ी अगलगी की घटनाएं नहीं हुई हैं. लेकिन इस तरह की आशंकाए बनी रहती है.