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Digital Dispensary: गया के नक्सल प्रभावित बांकेबाजार में डिजिटल डिस्पेंसरी, 150 में बेस्ट डॉक्टर कर रहे इलाज - ऑनलाइन डिजिटल डिस्पेंसरी

बिहार के गया में सुदूरवर्ती इलाके नक्सल प्रभावित बांकेबाजार में डिजिटल डिस्पेंसरी की शुरुआत की गई है. इस डिजिटल डिस्पेंसरी की खासियत यह है कि मात्र 150 रुपए में देश के अच्छे डॉक्टर से मरीज का इलाज हो जाता है. सर्व सेवा समिति 4S इंडिया संस्था द्वारा इसकी शुरुआत की गई है.

Online Digital Dispensary
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Published : May 30, 2023, 3:58 PM IST

गया के नक्सल प्रभावित बांकेबाजार में डिजिटल डिस्पेंसरी

गया:बिहार के गया के सुदूर इलाके में खोले गए ऑनलाइन डिजिटल डिस्पेंसरी का पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज है. यह आधुनिक तरीके के मशीनों से लैस है. ऑनलाइन डिजिटल डिस्पेंसरी में लगी मशीन ऑनलाइन कंप्यूटराइज्ड है, जिससे मरीज का सबसे पहले रजिस्ट्रेशन किया जाता है और फिर देश के अच्छे डॉक्टर से मरीज का इलाज कराया जाता है. महज 150 रुपए देकर इस तरह का इलाज कराया जाता है. हार्ट, मधुमेह समेत कई तरह की गंभीर और जटिल बीमारियों का इलाज बांकेबाजार के सुदूरवर्ती इलाके में डिजिटल डिस्पेंसरी के माध्यम से हो रहा है.

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कंप्यूटराइज्ड है पूरा सिस्टम:यहां सबसे पहले मरीज को फिजीशियन से दिखाया जाता है, लेकिन यदि जरूरत पड़ती है तो तुरंत स्पेशलिस्ट डॉक्टर से कंसल्ट कर ऑनलाइन से ट्रांसफर होते हुए 15 मिनट में इलाज शुरू हो जाता है. डिजिटल डिस्पेंसरी की शुरुआत बांकेबाजार प्रखंड अंतर्गत जूरी गांव के समीप ऑनलाइन की गई है. यह इलाका गया जिले का सुदूरवर्ती क्षेत्र है और सर्व सेवा समिति 4S इंडिया संस्था की बड़ी पहल के कारण ऐसे पिछड़े क्षेत्र में ऑनलाइन डिजिटल डिस्पेंसरी की शुरुआत की गई है. इस डिजिटल डिस्पेंसरी में देश के अच्छे डॉक्टर से मरीजों का इलाज कराया जाता है. कम फीस में बेहतर डॉक्टरों से संपर्क करना और ट्रीटमेंट मिलने से मरीज और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है.

डिजिटल आला समेत कई डिजिटल उपकरण: डिजिटल डिस्पेंसरी की कुछ खासियत है, जिसमें डिजिटल आला है. इस आला से डॉक्टर को मरीज के संबंध में ठीक उसी प्रकार से जानकारी मिल जाती है, जिस तरह से एक डॉक्टर सामने बैठे मरीज को आला लगाकर जो स्थिति में पाता है, यानि की यह ऑनलाइन डिजिटल डिस्पेंसरी का कमाल है. इसी प्रकार कान का उपकरण भी इसी तरह का है. डॉक्टर ऑनलाइन रहते हैं और मरीज भी ऑनलाइन होता है. एयरफोन के जरिए मरीज का संपर्क डॉक्टर से करवाया जाता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इस डिजिटल डिस्पेंसरी में रहे डिजिटल उपकरण जैसे डिजिटल आला समेत अन्य हैं. इस डिजिटल डिस्पेंसरी में आधुनिक उपकरणों की मदद से दिल्ली में बैठा डॉक्टर ऑनलाइन ही बीपी, पल्स ऐसे माप लेते हैं, जैसे एक सामने वाला डॉक्टर मापता है.

1 महीने पहले ही हुई शुरुआत:इस डिजिटल डिस्पेंसरी की शुरूआत सर्व सेवा समिति 4S इंडिया संस्था के द्वारा एक महीने पहले ही शुरू की गई है. इसलिए इस सुदूर इलाके में अब दूरदराज से लोग पहुंचते हैं और मात्र 150 में अपना इलाज स्पेशलिस्ट डॉक्टर से करवाते हैं. ऑनलाइन सुविधा के कारण मरीज को दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर बेहतर डॉक्टर के यहां दिखाने की झंझट नहीं रहती है. यहां एएनएम का काम करने वाली ललिता देवी बताती है कि यहां ऑपरेशन छोड़कर सभी बीमारियों का इलाज स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के द्वारा ऑनलाइन तरीके से कराया जाता है.

"लोगों के लिए काफी सुविधा है. फिलहाल में इसकी जानकारी उतनी नहीं हो पाई है, जितनी की लोगों को होनी चाहिए थी. इसलिए मरीज कम ही आ रहे हैं. लेकिन इस ग्रामीण इलाके में ऑनलाइन डिजिटल डिस्पेंसरी की शुरुआत एक बड़ी पहल है."- ललिता देवी, एएनएम, डिजिटल डिस्पेंसरी

15 मिनट में डिजिटल रूप से आ जाती है रिपोर्ट:डिजिटल इस डिस्पेंसरी में हर चीज की ऑनलाइन सुविधा है. 15 मिनट में डॉक्टर से दिखाना और इतने समय में ही पूरी रिपोर्ट आ जाना, वहीं डॉक्टर द्वारा ऑनलाइन से दवा का पुर्जा दिया जाना आदि शामिल हैं. इस संबंध में सर्व सेवा समिति गया के रजनी भूषण बताते हैं, कि गया जिले के बांकेबाजार में डिस्पेंसरी खोली गई है. ऑनलाइन किसी भी बीमारी का इलाज हो, इस इलाके में इसकी सुविधा मिली है. इसमें फायदा यह है कि जिन लोगों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है, उससे निजात मिलती है. पैसे के अभाव में भी लोग अपनी बीमारियों का इलाज दूसरे स्थानों पर जाकर नहीं करा पाते हैं, लेकिन अब बांकेबाजार जैसे सुदूर इलाके में ऑनलाइन डिजिटल डिस्पेंसरी की शुरुआत की गई है.

"इससे देश के 100 अच्छे डॉक्टर जुड़े हुए हैं. मात्र 150 में ऐसे डॉक्टरों से मरीज अपनी बीमारी दिखा सकते हैं. 15 मिनट में डिजिटल रूप से रिपोर्ट भी मिल जाती है. बीमारी को लेकर डॉक्टर मरीज को संतुष्ट करते हैं. सब कुछ ऑनलाइन ही होता है. वहीं, ऑनलाइन किए गए इलाज में कौन सी बीमारी है और क्या दवा लेनी है, इसकी पूरी जानकारी दी जाती है. समाज सेवा और सहयोग की भावना को लेकर हमारी संस्था लगातार काम कर रही है."-रजनी भूषण, सर्व सेवा समिति संरक्षक, गया

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