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कोरोना काल के मसीहा: दिन रात करते रहे मरीजों का इलाज, खुद भी हुए संक्रमित, फिर लौटे

कोरोना काल में सभी डाक्टरों ने पूरी शिद्दत के साथ ड्यूटी की. उनमें से कुछ ने दूसरे डॉक्टरों का हौसला और हिम्मत भी बढ़ाया. एएनएमएमसीएच (ANMMCH) के उपाधीक्षक भी लगातार लोगों की मदद करते रहे. इस दौरान वे खुद संक्रमित हो गए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

doctors day special
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Published : Jul 1, 2021, 4:38 PM IST

गया:आज पूरे देश मे डॉक्टर्स डे (National Doctor's Day) मनाया जा रहा है. आज के दिन (Doctors Day Special) कोरोना (Corona) काल में डॉक्टरों द्वारा किए गए कामों की सराहना की जा रही है.

गया के मगध क्षेत्र के कोविड अस्पताल (Covid Hospital) अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Anugrah Narayan Magadh Medical College) के उपाधीक्षक के कामों की सभी प्रशंसा कर रहे हैं. कोविड अस्पताल में जब संक्रमित मरीज अधिक आ रहे थे, उस वक्त उपाधीक्षक का प्रभार डॉ. पी.के.अग्रवाल के पास था और वे 150 डॉक्टरों का नेतृत्व कर रहे थे.

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दूसरे डॉक्टरों का बढ़ाया हौसला
ईटीवी भारत ने कोविड अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएनएमएमसीएच) के उपाधीक्षक डॉ प्रदीप अग्रवाल से खास बातचीत की और जानने का प्रयास किया कि कैसे उन्होंने कोरोना काल के दौरान काम किया.

जज्बे को सलाम

अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक के पद पर रहते हुए मैं अपने दायित्वों को निभा रहा था. इसी बीच अधीक्षक का प्रभार दिया गया. इस दौरान 150 डॉक्टर,250 नर्स को मैनेज कर अस्पताल में मरीजों का इलाज करवाता था.- डॉ. पी.के.अग्रवाल, उपाधीक्षक, एएनएमएमसीएच

खुद संक्रमित हुए...फिर भी करते रहे इलाज
जब कोविड की दूसरी लहर चरम सीमा पर थी. उस वक्त डॉ.प्रदीप अग्रवाल का फोन हर पल बजता रहता था. सभी की बात सुन उसका हल करना बड़ी जिम्मेदारी थी. जिसे इन्होंने बखूबी निभाया. मरीजों का इलाज करने के दौरान उपाधीक्षक खुद भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे. 15 दिन के बाद जब वे नेगेटिव हुए तो फौरान अगले ही दिन ड्यूटी जॉइन कर लिया और मरीजों की सेवा में एक बार फिर से जुट गए.

डॉ. पी.के.अग्रवाल, उपाधीक्षक, एएनएमएमसीएच

'घंटों पीपीई किट पहन करता रहा इलाज'
कोविड काल मे सभी डॉक्टरों ने बेहतरीन कार्य किया है. इस अस्पताल के डॉक्टर भी घंटों पीपीई किट पहनकर डटे रहते थे. आपदा की घड़ी में इन लोगों से जितना हो सका मरीजों की सेवा की गई उनकी जान बचाने की हर संभव कोशिश की गई.

सभी कर रहे डॉक्टरों को सलाम
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और डॉक्टरों को उनकी समर्पित सेवा के लिए शुक्रिया अदा करना है. लोगों की सेवा में दिन रात लगे डॉक्टर्स को सलाम करने के उद्देश्य से हर साल 1 जुलाई को 'राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस' यानि की 'नेशनल डॉक्टर्स डे' मनाया जाता है.

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस
राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस जीवन की सेवा में डॉक्टरों की भूमिका और जिम्मेदारियों के प्रति ध्यान देने के लिए मनाया जाता है. यह दिन उनके कार्यों और दायित्वों को पहचानने के लिए माना जाता है. कोरोना के प्रकोप के बीच हमारे डॉक्टर सप्‍ताह के सात दिन 24 घंटे काम कर रहे हैं और अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की जान बचाने के काम में लगे हुए हैं. अपनी जान की परवाह किए बिना डॉक्टरों ने जिस भावना और समर्पण से काम किया आज उन्हें सलाम करने का समय है.

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