गया:जिले के मानपुर प्रखंड का पटवाटोली गांव इन दिनों गर्म कपड़े के निर्माण में लगा है. इस गांव के लगभग हर घर में पावरलूम यानी कपड़ा बनाने वाली मशीन दिख जाती है. यहां से तैयार सर्दियों में इस्तेमाल किए जाने वाले चादर, रजाई और तोसक के खोल की बंगाल और असम में खूब मांग है. मांग को देखते हुए अभी करीब 50 लाख के मुल्य के कपड़े का निर्माण हर रोज हो रहा है. जिसमें हजारों हुनरमंद मजदूर लगे हैं.
'बिहार का मैनचेस्टर'
'बिहार का मैनचेस्टर' नाम से मशहूर पटवाटोली में यूं तो सालोंभर कपड़ा निर्माण का काम चलता है, लेकिन इसकी पहचान यहां से तैयार सर्दियों के कपड़े की वजह से है. यहां बनने वाले चादर, रजाई और तोसक के खोल में उपयोग होने वाला सूत सत प्रतिशत कॉटन होता है. जिसे तमिलनाडु, पंजाब और पानीपत से मंगाया जाता है.