गया : बिहार के गया में बीती रात को जेसीबी से जंगल के इलाके को साफ कर समतल करने में जुटे 3 अफीम माफियाओं को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, मौके से जेसीबी की भी बारामदगी की गई है. यह मामला गया जिले के बाराचट्टी थाना अंतर्गत का है. जेसीबी को सीमावर्ती राज्य झारखंड के राजपुर थाना अंतर्गत पथेल गांव से घुसकर खदेड़ते हुए पकड़ा. यह जेसीबी झारखंड के पथेल गांव के सुरेंद्र यादव का बताया जाता है.
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गया में अफीम की खेती :बताया जाता है कि अफीम के धंधेबाज फिर से सक्रिय हो गए हैं. आगामी महीनों में ठंड का सीजन दस्तक देते ही अफीम की फसल माफियाओं के द्वारा लगानी शुरू हो जाती है. ऐसे में अभी से ही अफीम के धंधेबाज सक्रिय हो गए हैं. बाराचट्टी थाना अंतर्गत भलुआ के जंगलों में बीते कई दिनों से जेसीबी चलाकर जंगल को साफ और समतल किया जा रहा था. इसकी सूचना बाराचट्टी रेंज ऑफिसर चौहान शशि भूषण सिन्हा को मिली. सूचना प्राप्ति के बाद छापेमारी की गई और मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दो जेसीबी लगाए थे, एक लेकर भाग गए :बताया जाता है की अफीम की खेती लगाने की मंशा से जंगल को साफ किया जा रहा था, ताकि ठीक तरीके से सीजन की दस्तक देते ही अफीम की फसल लगाई जा सके. इसके लिए पिछले सप्ताह भर से रात्रि में जेसीबी चला कर जंगल में सफाई किया जा रहा था और जमीन को अफीम की खेती के लिए उपयुक्त बनाया जा रहा था. वहीं, जानकारी के पास बाराचट्टी रेंज ऑफिसर ने सदल बल मौके पर छापेमारी की, तो दो जेसीबी से जंगल को साफ करते पाया. कार्रवाई की तो मौके से तीन पकड़ाए. वहीं, एक जेसीबी को लेकर माफिया भागने में सफल हो गए.
''भलुआ के जंगल में माफिया सक्रिय थे. जेसीबी से जंगल को साफ किया जा रहा था. इस तरह की सूचना मिलने के बाद मौके पर कार्रवाई की गई है. इस क्रम में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार लोगों में शंकर यादव, भजन कुमार दोनों पिपराही गांव निवासी और लेखा कुमार बुमृर निवासी शामिल है. एक जेसीबी को झारखंड के राजपुर थाना अंतर्गत पथेल गांव से खदेड़कर बरामद किया गया है. वन अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है.''- चौहान शशि भूषण सिन्हा, रेंज ऑफिसर, बाराचट्टी
सैंकड़ों एकड़ में होती है खेती :दरअसरल, बाराचट्टी के इलाके में सैकड़ों एकड़ में अफीम की खेती होती है. इस पर कई दशकों से पुलिस प्रशासन नकेल नहीं कर सका है. यही वजह है कि इस इलाके में अफीम की तस्करी करने वाले माफिया सैकड़ो की संख्या में सक्रिय हैं और इस गोरखधंधे को सालों भर संचालित करते हैं. अफीम की खेती से लाखों-करोड़ों का मुनाफा माफिया कमा रहे हैं. युवा पीढ़ी अफीम के नशे की लत में डूबता चला जा रहा है. वहीं, बड़ी संख्या में युवा पीढ़ी इसकी तस्करी में भी जुटे हुए हैं.