गया: बिहार के गया के पूर्व एसपी आदित्य कुमार लंबे अरसे से से गायब चल रहे हैं. बिहार पुलिस पिछले 7 माह से आदित्य कुमार को नहीं ढूंढ़ पा रही है. फर्जी जज से पैरवी करने के आरोपों में आदित्य कुमार के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसा जा चुका है. न्यायालय के आदेश के बाद आदित्य कुमार की मुश्किलें बढ़ने वाली है. आदित्य कुमार कोर्ट में सरेंडर करेंगे या फिर आर्थिक अपराध इकाई उन्हें गिरफ्तार करेगी.
जज से पैरवी कराने का आरोपः दरअसल आईपीएस आदित्य कुमार पर पटना उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार डीजीपी से पैरवी करने का आरोप लगा था. फर्जीवाड़ा के जरिए शराब कांड को खत्म करने के मामले में 15 अक्टूबर 2022 को आर्थिक अपराध इकाई ने आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था. पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस को निलंबित भी कर दिया था.
आय से अधिक संपत्ति का मामलाः इसके अलावे विशेष निगरानी इकाई ने 5 दिसंबर 2022 को एक करोड़ 37 लाख रुपए आय से अधिक संपत्ति अर्जित मामले में केस दर्ज किया था. कानूनी शिकंजा कसता देख आदित्य कुमार ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन पटना उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. फिर आदित्य कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
EOU करेगी गिरफ्तारः सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, लेकिन अगली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायालय की राय है कि याचिकाकर्ता मुख्य रूप से कथित अपराधों की गंभीरता और स्पष्ट सहयोग के कारण अग्रिम जमानत के लाभ का हकदार नहीं है.22 नवंबर को 2 सप्ताह के भीतर आदित्य कुमार को न्यायालय के समक्ष समर्पण करने का निर्देश दिया था. 6 दिसंबर से पहले आत्मसमर्पण करना होगा. ऐसा नहीं होता है तो EOU की टीम आईपीएस को गिरफ्तार करेगी.