गया: जिले के बाराचट्टी में नक्सलियों ने सोमवार को पोस्टर चिपकाकर अफीम की फसल नहीं करने की चेतावनी दी है. जानकारी के अनुसार बिहार और झारखंड सीमा स्थित नक्सल प्रभावित क्षेत्र बाराचट्टी के धनगाई थाना क्षेत्र से मजह कुछ ही दूरी पर धनगाई गांव के उच्च विद्यालय और मंदिर में नक्सलियों ने बीते रविवार रात को पोस्टर चिपकाकर चेतावनी दी है. इस संबंध ने धनगाई थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार ने बताया कि नक्सलियों द्वारा चिपकाए गए पोस्टर की सूचना अभी नहीं हो पाई है.
गया: भाकपा माओवादी ने पोस्टर चिपकाकर अफीम की खेती बंद करने की दी चेतावनी
धनगाई थाना क्षेत्र के धनगाई गांव स्थित उच्च विद्यालय और मंदिर के दीवारों पर नक्सलियों के नाम की पोस्टर चिपकाया हुआ मिला है. वहीं नक्सलियों द्वारा चिपकाए गए पोस्टर में क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में हरे-भरे जंगलों की कटाई कर मादक पदार्थ अफीम (पोस्ता) की खेती बंद करने की चेतावनी दी गई है.
दरअसल, रविवार रात में धनगाई थाना क्षेत्र के धनगाई गांव स्थित उच्च विद्यालय और मंदिर के दीवारों पर नक्सलियों के नाम की पोस्टर चिपकाया हुआ मिला. वहीं नक्सलियों द्वारा चिपकाए गए पोस्टर में क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में हरे-भरे जंगलों की कटाई कर मादक पदार्थ अफीम (पोस्ता) की खेती बंद करने की चेतावनी दी गई है. पोस्टर में नक्सलियों ने लिखा कि पुलिस प्रशासन, अफीम माफिया और उसके आला अधिकारियों की देखरेख में अफीम की खेती करवाई जा रही है.
'झांसा देकर मालामाल हो रहे अफीम माफिया'
पोस्टर में आगे लिखा है कि अफीम की खेती के झांसे में आकर लोग बर्बाद हो रहे हैं. पुलिस-प्रशासन, अफीम माफिया और प्रशासनिक अधिकारी लोगों को अफीम के खेती का झांसा देकर खुद मालामाल हो रहे हैं. इस नशीले पदार्थ से गरीब लोगों की मौतें, विकलांगता, गूंगे-बहरे, चोरी-डकैती और बलात्कार जैसी अपाधिक घटनाएं भी बढ़ रही है. पत्र में नक्सलियों ने आगे लिखा कि मेहनत कर कमाई करने वाले भाई और बहनों से अनुरोध है कि इंसानियत के साथ नशीले पदार्थ अफीम से सावधान हो जाए और गेंहू, धान, मकई, अरहर आदि की खेती करें.