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महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण, कहा- संगठन में लगातार किया जा रहा था शोषण - gaya news

सिटी एसपी मंजीत श्योराण ने एक प्रेसवार्ता कर कहा कि पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक, कमांडेंट 205 कोबरा, सीआरपीएफ बटालियन की कोशिश रही कि भटके हुए लोगों को नक्सलियों के चंगुल से बाहर निकालकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए.

किया जा रहा था शोषण

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Published : Nov 5, 2019, 10:37 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 11:50 PM IST

गया: जिले में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की सक्रिय सदस्य रीता बैगा उर्फ पूजा कुमारी ने मंगलवार को गया पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया. जिसका पुलिस ने फूलों का गुच्छा और दैनिक उपयोग की सामग्री देकर स्वागत किया. इस मौके पर जिले के कई वरीय अधिकारी मौजूद रहे.

भाकपा माओवादी की सदस्य ने किया आत्मसमर्पण
इस दौरान गया के सिटी एसपी मंजीत श्योराण ने एक प्रेसवार्ता कर कहा कि पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक, कमांडेंट 205 कोबरा, सीआरपीएफ बटालियन की कोशिश रही कि भटके हुए लोगों को नक्सलियों के चंगुल से बाहर निकालकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए. सभी सुरक्षा बलों और जिला पुलिस के सकारात्मक पहल और सरकार के सहयोग से मंगलवार को पुलिस के सामने भाकपा माओवादी की सक्रिय सदस्य पूजा कुमारी ने आत्मसमर्पण किया.

भाकपा माओवादी की सक्रिय युवती ने किया आत्मसमर्पण

4 हजार प्रतिमाह मिलेगा भत्ता
उन्होंने बताया कि पूजा के ऊपर जिले के विभिन्न थानों में कई केस दर्ज हैं. लेकिन आत्मसमर्पण करने पर पूजा को पुर्नवास योजना के तहत सरकार की तरफ से मिलने वाली 4 हजार रूपये की राशि प्रतिमाह दी जाएगी. इसके अलावा उनके सहयोग के लिए दैनिक उपयोग में आने वाली सामग्री भी दी जाएगी. साथ ही कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाएगा.

पुलिस ने की प्रेसवार्ता

कौशल विकास योजना के तहत मिलेगा प्रशिक्षण
वहीं नक्सली युवती पूजा ने बताया कि वर्ष 2017 में ही नक्सलियों के कुछ दलाल के बहकावे में आकर उनके संगठन के दस्ते में शामिल हुई थी. वर्ष 2017 से अभी तक माओवादी नेता विजय यादव उर्फ संदीप यादव के दस्ते में जिले के छकरबंधा पहाड़ी में सक्रिय थी. संगठन के निचले दर्जे के सदस्यों का सभी तरह का शोषण किया जाता है. लेवी वसूलने के उद्देश्य से उनका नाजायज इस्तेमाल किया जाता है. इन सभी का विरोध करने वालों को बुरी तरह मारा-पीटा जाता है और उन्हें कई दिनों तक खाना नहीं दिया जाता. इन सभी अत्याचारों से तंग आकर संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए उसने आत्मसमर्पण किया.

Last Updated : Nov 5, 2019, 11:50 PM IST

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