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Published : May 1, 2021, 5:28 PM IST

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प्रवासियों की नहीं हुई कोरोना जांच इसलिए गांव में फैला संक्रमण, गया के ग्रामीण इलाकों में दहशत

बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटों के दौरान 89 और व्यक्तियों की मौत हो गई है. प्रवासी मजदूरों के आने से संक्रमण और बढ़ने का अंदेशा बढ़ गया है. यही कारण है कि गांव में रह रहे लोग बाहर से आने वाले लोगों के कारण काफी दहशत में हैं.

GAYA
गांव में भी फैला संक्रमण

गया:कोरोना की दूसरी लहर ने राज्य में तबाही मचा रखी है. अब कोरोना नेशहर के बाद गांवों को भी अपने चपेट में ले लिया है. गांवों में संक्रमित मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन कंटेनमेंट जोन घोषित कर इलाकों को सील कर रहा है. लोगों से गाइडलाइन पालन करने की लगातार अपील की जा रही है. इसके बावजूद भी कोरोना का संक्रमण रुक नहीं रहा है. गांवों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

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गांव में भी दिखे लोग जागरुक
जिले के कई गांवों में कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है. ईटीवी भारत की टीम जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर टिकारी प्रखण्ड के रकसिया गांव पहुंची. इस गांव में वर्तमान में पांच कोरोना संक्रमित मरीज हैं, जबकि एक प्रवासी कामगार की मौत हो चुकी है. इस गांव की आबादी दो हजार के करीब है. गांव में लोग कोरोना से लड़ने के लिए जागरूक भी हैं. अधिकांश लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं.

कोरोना को लेकर ग्रामीणों में दहशत

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प्रवासियों की वजह से बढ़ रहा संक्रमण
स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में जो बाहर से आ रहे हैं. वे बिना जांच कराए गांव में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में किसी को पता नहीं चल पा रहा है कि वह संक्रमित हैं या नहीं. ऐसे में उनके घर वालों के साथ-साथ आस पड़ोस के लोगों को भी इस पर ध्यान देने की जरूरत है. बाहर से आने वाले लोगों के बारे में जिला प्रशासन को जानकारी देना जरूरी है. ताकि उनका कोरोना जांच हो सके.

शहर के बाद गांव में भी फैला संक्रमण

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इलाज में कर रहे अनदेखी
गांवों में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. इसका कारण है कि लोग सही से अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं. बुखार या किसी प्रकार की बीमारी के लक्षण आने के बाद लोग अनदेखी कर रहे हैं. ऐसे लोग छोटे-मोटे डॉक्टरों से दवा लेकर अपनी बीमारी को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं. तब तक बीमारी विकराल रूप ले ले रही है.

दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी कोरोना साथ लेकर गांव पहुंचे

'इस गांव का एक शख्स कुछ दिन पहले दूसरे राज्य से गांव लौटा था. जांच नहीं हुई थी बाद में वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया और कुछ दिन में ही उसकी मौत हो गई. उसी की वजह से गांव कोरोना की चपेट में आ गया.आजकल गांव की जो परंपरा थी एक साथ बैठने की, इस कोरोना ने उस परंपरा को खत्म कर दिया है.- रघुवंश मणि सिंह, ग्रामीण

'पिछले साल टिकारी बाजार तक कोरोना ने दस्तक दिया था लेकिन गांव में प्रवेश नहीं किया था. कोरोना की दूसरी लहर ने गांव में दस्तक दिया है. हमलोग घर में रह रहे हैं और मास्क लगाकर पहन रहे हैं'. -संदीप कुमार सिंह, ग्रामीण

'गांव में कोरोना दस्तक देने के बाद वीरानी छाई हुई है. आज के समय गांव में कई घरों में शादी थी लेकिन शादी की धूम को कोरोना ने गुम कर दिया है'.-राहुल कुमार, ग्रामीण

'गांव में कोरोना के दस्तक देने से झोलाछाप डॉक्टर भी किसी का इलाज नहीं कर रहे हैं. अन्य बीमारी से ग्रस्त लोगों को काफी परेशानी हो रही है. आस-पास के दर्जनों गांव में कोरोना कहर बरपा रहा है'. -विनय सिंह, ग्रामीण

'हमलोग मजदूर आदमी है. दिन भर खेत में काम करते हैं. मास्क लगाकर खेत में काम कर नहीं पाएंगे, हमलोग मास्क नहीं लगाते हैं. गांव के लोग मजबूत होते हैं. वो कोरोना से लड़ते हैं. लेकिन बाहर गए लोग गांव में कोरोना लेकर आते हैं'.-चंदेश्वर यादव, ग्रामीण

गौरतलब है कि गया जिले में 1 अप्रैल को मात्र 17 कोरोना संक्रमित मरीज मिले थे. लेकिन 1 अप्रैल के बाद कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती गई और 29 अप्रैल तक 901 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं. वहीं, 1 महीने में लगभग 100 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत गया जिले में हुई है. जिले में हर दिन औसतन 800 कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. जिसमे 50 फीसदी शहरी क्षेत्र और 50 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रो से कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. जबकि पिछले साल ग्रामीण क्षेत्रो से 30 फिसदी से कम कोरोना संक्रमित मिले थे.

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