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23 साल बाद कोर्ट ने दिया इंसाफ, मुन्ना हत्याकांड मामले में रिटायर्ड DSP समेत 5 को उम्रकैद

पुलिस हिरासत में लिये गए मुन्ना नाम के युवक की हत्या 26 अगस्त 1996 को की गई. उसके बाद पुलिस ने जो कुछ किया, उसपर 23 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

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Published : Dec 22, 2019, 7:44 AM IST

गया: गया सिविल कोर्ट के फास्ट ट्रैक कोर्ट-वन ने 23 साल पुराने मर्डर केस पर फैसला सुनाया है. मामले में रिटायर्ड डीएसपी समेत चार पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्य महकमे के एक कर्मचारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वहीं, सभी आरोपियों पर 55 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

17 साल के नाबालिग युवक मुन्ना की हत्या के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए रिटायर्ड डीएसपी मुद्रिका सिंह यादव, तत्कालीन टास्क फोर्स के सदस्य शंभु सिंह और समीर सिंह, नई गोदाम टीओपी के तत्कालीन प्रभारी नंदु पासवान और एएनएमसीएच के कर्मचारी विजय प्रसाद को सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी पर अपहरण, हत्या और साक्ष्य छुपाने की धाराओं के तहत सजा सुनाई है.

व्यवहार न्यायालय गया

23 साल पुराना मुन्ना हत्या कांड
मामले पर बहस करने वाले अपर लोक अभियोजक अंबष्ठा योगानंद ने बताया कि 23 साल के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिला है. उन्होंने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि हत्याकांड 26 अगस्त 1996 का है, जब नई गोदाम टीओपी पुलिस ने मुन्ना नाम के शख्स को कोतवाली के मिरचईया गली स्थित आवास से पूछताछ के हिरासत में लिया था. इसके बाद मुन्ना का मर्डर हो गया.

पुलिस ने बताया लावारिश
अंबष्ठा योगानंद ने बताया कि पुलिस ने उस समय शव को लावारिश घोषित कर एएनएमसीएच में पोस्टमार्टम करवा दिया. वहीं, मुन्ना के शव को दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट भेज दिया. 27 अगस्त को परिजन शव लेकर सिविल कोर्ट के सीजेएम दफ्तर पहुंचे. इस बीच कोतवाली थानाध्यक्ष को यह जानकारी मिली तो उन्होंने परिजनों से जबरन शव लेकर अंतिम संस्कार करवा दिया.

अपर लोक अभियोजक अंबष्ठा योगानंद

ऐसे दर्ज हुआ केस...
अपर लोक अभियोजक अंबष्ठा योगानंद ने बताया कि 28 अगस्त को मृतक मुन्ना के बड़े भाई सत्येन्द्र सिंह की शिकायत पर सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज हुई. इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को मामले की छानबीन करने का आदेश दिया. इस बाबत मृतक मुन्ना के भाई सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि 23 साल बाद उन्हें न्याय मिला है वो कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं.

मिलती रहती थी धमकी
सत्येंद्र की माने तो आरोपियों की तरफ से उन्हें और उनके परिवार को धमकी दी जाती रही. लेकिन उन्होंने इस धमकी से डरे बिना संघर्ष किया. मुन्ना को मिले न्याय के बाद परिजनों ने कोर्ट के इस फैसले पर आभार जताया.

हाईकोर्ट में दायर करेंगे अपील
दोषी पक्ष के वकील कमलेश सिंह ने बताया इन पांचों लोग को आजीवन कारावास हुआ है. लेकिन इन लोग को ऊपरी अदालत में जमानत मिल जाएगी. हम लोग जल्द पटना हाइकोर्ट में दायर करेंगे.

  • वहीं, आरोपी पुलिसकर्मियों ने बयान दिया कि मुन्ना एक बड़ा क्रिमिनल था. उसे किसी क्रिमिनल ने मार दिया था. हम लोग को अज्ञात शव मिला. उसका नियमानुसार अंतिम संस्कार कराया गया. कोर्ट ने पुलिसकर्मियों की इस दलील को नहीं स्वीकार नहीं किया.

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