गया:भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प में गलवान घाटी में 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद बोधगया के होटल व्यवसाय काफी आक्रोशित हैं. होटल व्यवसाई ने चीन के पर्यटकों को होटल में प्रवेश नहीं देने का फैसला लिया है. बता दें कि बोधगया में पर्यटक सीजन के बात करे तो 10 से 12 हजार चीनी पर्यटक आते हैं.
सुदामा कुमार,महासचिव, होटल एसोसिएशन इस संबंध में बोधगया होटल एसोसिएशन के महासचिव सुदामा कुमार ने बताया चीन के खिलाफ हमलोग ने यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि बोधगया के होटलों में चीनी पर्यटकों को एंट्री नहीं देगें. बोधगया होटल एसोसिएशन के इस फैसला बोधगया के 100 होटलों ने सहमति जताई है. चीनी लोग बुद्ध की नहीं युद्ध की बात कर रहे है और हम इन्हें अतिथि देव भव: जैसे रखे. ये हमारे दुश्मन है.
बोधगया के होटल में चीनी नागरिक को नहीं मिलेगी प्रवेश 'पहले देश फिर फायदा'
महामाया होटल के मैनेजर श्याम दुबे ने बताया हमलोग बोधगया होटल एसोसिएशन के फैसला के साथ है. पर्यटक सीजन में अधिक संख्या में चीनी पर्यटक आते है. ऐसे में नुकसान तो होगा. लेकिन सबसे पहले देश फिर फायदा.
पूजा में शामिल होने आते हैं हजारों चीनी नागरिक
बोधगया में एक ही चीनी टेंपल है. दोनो देशों में तनाव होने से मन्दिर में भगवान बुद्ध का पूजा अर्चना हिंदुस्तानी बौद्ध भंते कर रहे है. इस बौद्ध टेंपल में 60 से 70 लोगों की रहने की व्यवस्था है. वहीं, पर्यटन सीजन में ही चीनी टेंपल के तरफ से महाबोधि मंदिर में सात दिवसीय पूजा की जाती है, जिसे वाटर लैंड पूजा कहते है. इस पूजा में हजारों चीनी नगरिक शामिल होते हैं.