गया:जिले के मोहड़ा प्रखण्ड स्थित उतरी कजुर पंचायत के रहने वाले मुद्रिका यादव का 12 वर्षीय बेटा नीरज कुमार करंट की चपेट आ गया. परिजन आनन फानन में बच्चे को इलाज के लिये पीएचीसी लेकर पहुंचे. लेकिन अस्पताल में बच्चे की मौत हो गई. वहीं, परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आस्पताल में डॉक्टर की उपस्थिति नहीं होने के कारण बच्चे की जान चल गई.
गया: करंट की चपेट में आने से बच्चे की मौत, अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप - उतरी कजुर पंचायत
गया के मोहड़ा प्रखण्ड के सुखेबिगहा गांव में एक बच्चा करंट की चपेट में आ गया. परिजन आनन-फानन में बच्चे को इलाज के लिये पीएचीसी लेकर पहुंचे. अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने के कारण बच्चे की मौत हो गई.
अस्पताल में सिर्फ दो नर्स थी मौजूद
मृतक के परिजनों ने बताया कि अस्पताल पहुंचे तो वहां पर सिर्फ दो नर्स मौजूद थी. नर्स ने डॉक्टर को फोन कर घटना की सूचना दी. लेकिन अस्पताल में डक्टर इलाज के लिये नहीं आए. काफी समय होने के बाद परिजन बच्चे को लेकर जब बाहर जाने लगे तो पता चला कि अस्पताल में एम्बुलेंस भी नहीं है. सुविधा के घोर अभाव के कारण बच्चे को बेहतर इलाइ के लिए गया नहीं ले जा सके, जिससे बच्चे की मौत हो गई.
'इलाज के अभाव में बच्चे की मौत'
अस्पताल प्रबंधक बालकृष्ण कुमार ने बताया कि बच्चे की मौत करंट लगने के दौरान घर पर हा हो गई थी. मौजूद लोगों के अनुसार अस्पताल में किसी भी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. अस्पताल में न ही डॉक्टर की उपस्थिति रहते हैं, न ही जरूरत के समय एम्बुलेंस रहता है.