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'सोने पर सुहागा जैसा कोरोना काल में छठ पूजा का आगमन'

चार दिवसीय छठ महापर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाता है. इसमें सूर्य देव की उपासना की जाती है. छठ पूजा में स्वच्छता का बखूबी पालान किया जाता है.

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Published : Nov 14, 2020, 5:10 PM IST

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गयाःबिहार में आस्था का महापर्व छठ शुरू होने वाला है. इसमें चार दिवसीय पूजा होती है. छठ पूजा के हर दिन का अपना एक महत्व है. गौतम बुद्ध महिला कॉलेज की प्रोफेसर ने कहा कि छठ पूजा भगवान व भक्तों के बीच सीधा संबंध स्थापित करता है. कोरोना काल में छठ पूजा का आगमन सोने पे सुहागा जैसा है.

स्वच्छता का किया जाता है पालन
गौतम बुद्ध महिला कॉलेज की अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शिनी ने बताया कि छठ धार्म प्राकृति और सांस्कृति को आपस में जोड़ता है. सभी लोगों में छठ पूजा को लेकर आस्था होती है. इसमें स्वच्छता का खूब पालन किया जाता है. छठ पूजा को लेकर सभी घाटों की सफाई शुरू हो चुकी है.

डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शिनी

कोरोना संक्रमण को लेकर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. इसी बीच छठ पूजा का आगमन हो रहा है, जिसमें स्वच्छता का बखूबी पालान किया जाता है. यह सोने पर सुहागा जैसा है.- डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शिनी, सहायक प्रचार्य

सूर्य देव की उपासना
चार दिवसीय छठ महापर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाता है. इसमें सूर्य देव की उपासना की जाती है. छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय से शुरूआत होती है, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्ध्य और चौथे व आखिरी दिन सुबह वाले अर्ध्य के साथ इसका समापन होता है.

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