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सरकारी अस्पतालों में बढ़े सिजेरियन प्रसव कराने के मामले, हर दिन 3 से अधिक मामले! - Anugrah Narayan Magadh Medical College Hospital

जिले में सिजेरियन तरीके से प्रसव कराने के मामले काफी बढ़ गए हैं. एएनएमसीएच रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक दिन औसतन तीन महिलाओं का प्रसव सिजेरियन तरीके किया जाता है. साल 2020 में एएनएमसीएच में करीब 15 हजार महिलाओं का सिजेरियन तरीके से प्रसव किया गया.

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Published : Mar 18, 2021, 11:29 AM IST

Updated : Mar 18, 2021, 2:48 PM IST

गया:जिले में प्रसूता का सिजेरियन तरीके से प्रसव कराने का प्रचलन काफी बढ़ गया है. जिले के निजी अस्पताल तो छोड़िए सरकारी अस्पतालों में भी अब सिजेरियन तरीके से ऑपरेशन कराया जाता है. एक आंकड़े के अनुसार, बीते साल दिसबंर तक जिले में कुल 35 हजार गर्भवती महिलाओं का प्रसव किया गया. जिसमें 15 हजार प्रसव सिजेरियन तरीके से किया गया.

वहीं, मगध क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक महीने के भीतर 104 प्रसव सिजेरियन तरीके से किया गया, जबकि महज 64 प्रसव सामान्य तरीके से किया गया.

एनएमसीएच की रिपोर्ट

दरअसल,गया जिला स्थित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मगध के पांच जिलों के सहित बिहार-झारखंड सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग अस्पताल में इलाज करवाने आते हैं. अस्पताल का गायनिक वार्ड हमेशा हाउसफुल रहता है. अस्पताल में औसत प्रत्येक दिन तीन सिजेरिन तरीके से प्रसव किया जाता है तो वहीं सामान्य प्रसव की दर महज दो है.

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निजी अस्पतालों के बिगड़े मामलों का होता है प्रसव
सिजेरियन तरीके से प्रसव कराने के चलन पर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल अधीक्षक डॉ. हरिश्चंद्र हरि ने बताया कि अस्पताल में ज्यादातर निजी अस्पताल के बिगड़े हुए मामले आते हैं. जिसके चलते अस्पताल का सिजेरियन तरीके से प्रसव कराने का दर अधिक है. उन्होंने कहा कि अच्छी यह है कि बीते पांच सालों के आंकड़ों के अनुसार गया और इसके आस-पास के इलाकों में घर में प्रसव कराने का दर घटा है. वहीं, अस्पताल में प्रसव कराने का दर बढ़ा है.

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सरकारी अस्पतालों में लोगों का बढ़ा भरोसा
एनएमसीएच की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015 पंद्रह में अस्पतालों में प्रसव कराने का दर 56.8 प्रतिशत था. जो साल 2020 में बढ़कर 76.6 प्रतिशत पहुंच गया. वहीं, साल 2015 में घर में प्रसव कराने का जो दर 12.4 था वह साल 2020 आते-आते घटकर 4.2 प्रतिशत पहुंच गया. अस्पताल के एक और रिपोर्ट की माने तो लोगों का सरकारी अस्पतालों में प्रसूता का प्रसव कराने की तरफ का रूझान बढ़ा है. जिले के सरकारी अस्पतालों में 2015 में 35.5 प्रतिशत महिलाओं का प्रसव किया गया था, जबकि साल 2020 में 49.1 प्रतिशत तक पहुंच गया.

देखें रिपोर्ट

साल 2020 में 15 हजार प्रसूताओं का हुआ सिजेरियन प्रसव
रिपोर्ट पर जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि गया जिले में अस्पताल में प्रसव करवाने का आंकड़ा बढ़ गया है. लोग अब घरों में प्रसव करवाने से बचते है. उन्होंने कहा कि जिले में 2020 में 35 हजार प्रसूताओं ने प्रसव कराया. जिसमें 15 हजार प्रसूता का प्रसव सिजेरियन तरीके से हुआ है. जिले में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जयप्रकाश नारायण अस्पताल, प्रभावित अस्पताल, टिकारी और शेरघाटी अस्पतालों में सर्जरी का व्यवस्था है. नीलेश कुमार ने कहा कि बहुत जल्द खिजरसराय में शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का प्रयास होता है. सामान्य प्रसव हो लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए ऑप्रेशन किया जाता है.

पैसों की लालच में जानबूझ करते हैं निजी अस्पताल सिजेरियन प्रसव
जिले के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार निजी अस्पताल वाले पैसे के लालच में गर्भवती महिलाओं का जानबूझ कर सिजेरियन ऑपरेशन से प्रसव करवाते हैं. जिले में प्रसव के नाम पर निजी अस्पताल में गोरखधंधा चल रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, जिले की निजी अस्पतालों में हर 100 में से 60 महिलाओं को सिजेरियन तरीके से प्रसव कराया जा रहा है.

Last Updated : Mar 18, 2021, 2:48 PM IST

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