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अस्पताल में बच्चों का दिल बहलाने के लिए दीवारों पर कार्टून, ANMMCH में खिलौने की भी व्यवस्था

कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर केंद्र और लेकर राज्य सरकार अपनी-अपनी ओर से तैयारी में लगी है. इसको देखते हुए गया एएनएमएमसीएच का प्रबंधन भी अपनी ओर से तैयारी में लग गया है. पढ़ें पूरी खबर...

दीवारों पर कार्टून
दीवारों पर कार्टून

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Published : Jun 16, 2021, 4:57 AM IST

Updated : Jun 16, 2021, 10:08 AM IST

गया: देश-प्रदेश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखेते हुए सरकारों अपनी ओर से तैयारी में लगी है. यही नहीं, अस्पताल प्रशान भी अपनी और से तैयारी कर रहा है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम ( AES ), जापानी इंसेफेलाइटिस ( JE) या कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में आने वालों बच्चों का इलाज के साथ मनोरंजन कैसे हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है.

गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ( ANMMCH ) में बच्चों को घर जैसा माहौल देने के लिए दीवार पर विभिन्न तरह के कार्टून बनाया जा रहा है. बीमार बच्चों के मनोरंजन के लिए टीवी पर कार्टून दिखाए जाएंगे और खेलने के लिए खिलौना भी दिया जाएगा.

देखें रिपोर्ट.

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बीमार बच्चों के लिए दे रहे हैं मनोरंजन के साधन
अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. पीके अग्रवाल ने बताया कि 'जेई और एईएस का इलाज इस अस्पताल में पिछले दस सालों से हो रहा है. इस बीमारी से निपटने के लिए अस्पताल में सारी संसाधन उपलब्ध है. हमलोग बीमार बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के लिए दीवारों पर कार्टून बनाये हैं. इसके साथ ही टीवी पर भी कार्टून दिखाया जाएगा. जो बच्चे बहुत छोटे होंगे उनको खेलने के खिलौना भी देंगे.

दीवारों पर कार्टून.

अपर समाहर्ता डॉ. अनुपमा कुमारी की पहल
अस्पताल प्रशासन को जिला प्रशासन ने खासकर शिशु विभाग के लिए निर्देशित किया है. जेई व एईएस मरीज को बिल्कुल घर जैसा माहौल दिया जाए. हमलोगों ने पुराने बेड को हटाकर बड़े बेड लगा रहे हैं. जिससे संतान और उसके अभिभावक साथ लेट सकेंगे. यह पूरी आइडिया जिला प्रशासन में कार्यरत अपर समाहर्ता डॉ. अनुपमा कुमारी ने दी है. वो खुद डॉक्टर रही हैं तो उन्होंने इस तरह का पहल करने का निर्देश दी है.

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मानसून के दस्तक देने के बाद बच्चों में होने लगता है जापानी बुखार
बता दें कि बिहार में जापानी बुखार मानसून के दस्तक देने के बाद मुजफ्फरपुर और गया में कहर बरपाने लगता है. बिहार में जापानी बुखार का दूसरा सबसे बड़ा क्लस्टर गया है. बिहार में मुजफ्फरपुर के बाद गया जिले में जेई व एईएस से मरने वाली की संख्या सबसे अधिक है. मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जेई व एईएस को लेकर स्पेशल वार्ड बनाया गया है. वहीं, 30 बेड का नीकू और पीकू वार्ड बनाया गया. जिसमें आईसीयू की सुविधा उपलब्ध है.

Last Updated : Jun 16, 2021, 10:08 AM IST

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