गया:जिले में रविवार को चीनी यात्री ह्वेनसांग की याद में बौद्ध भिक्षुओं की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें चीनी राजदूत अतिथि के रुप में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में चीन और भारत के कई बौद्ध भिक्षु शामिल हुए.
ह्वेनसांग की याद में कार्यक्रम का आयोजन यात्रीह्वेनसांग को किया गया याद
विश्व धरोहर बोधगया की भूमि हमेशा से ही विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है. यहां धर्म, दर्शन, आध्यात्म और विभिन्न संस्कृतियों ने ना केवल विदेशियों को मन्त्रमुग्ध किया, बल्कि यहां आने के लिए उन्हें प्रेरित भी किया. उनमें से चीनी यात्री ह्वेनसांग का नाम विशेष रूप से प्रसिद्ध रहा है. इसको लेकर ही जिले में रविवार को चीनी बौद्ध भिक्षुओं ने एकबार फिर ह्वेनसांग की यात्रा की याद को ताजा कर दिया. इस दौरान चीन के बौद्ध पर्यटकों ने चीन के रिपब्लिक गणराज्य के 70वीं स्थापना पर महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा की.
विभिन्न देशों के गुरु हुए शामिल महाबोधि मंदिर में की गई विशेष पूजा
भिक्षुओं ने भारत और चीन के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए भगवान बुद्ध से प्रार्थना की. वहीं चीनी पर्यटकों ने 'बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि' मंत्र के साथ ह्वेनसांग के संदेशों के पुनर्जागरण का एहसास कराया. चीन से बोधगया पहुंचे चीनी पर्यटकों ने भारत और चीन के झंडे के साथ महाबोधि मंदिर गए और भगवान बुद्ध की पूजा की. पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे करीब दो घंटे तक चली विशेष पूजा में विभिन्न देशों के बौद्ध गुरु शामिल हुए और सभी बौद्ध गुरुओं ने दुनियां की खुशहाली की प्रार्थना की.
बौद्घ भिक्षुओं ने निकाली स्मृति यात्रा विभिन्न देश के गुरुओं ने की शिरकत
कोलकता इंडिया बुद्धिस्ट एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित पूजा में चाइना, म्यांमार, थाइलैंड, बंगलादेश, वियतनाम सहित अन्य देशों के बौद्ध भिक्षु शामिल हुए. वहीं सभी ने विश्वशांति के लिए सामूहिक रुप से घोषणा की. इसके बाद सभी बौद्ध श्रद्धालु बोधगया के चाइना मंदिर पहुंचे. वहां मंदिर के गर्भगृह में पूजा-पाठ करने के बाद दोनों देशों के मैत्री रिश्ते पर चर्चा की.