गया:तथागत की तपोभूमि बिहार के बोधगया अवस्थित भूटान के बौद्ध मोनेस्ट्री में आज से पारंपरिक मुखौटा नृत्य प्रारंभ ( Buddhist lamas performed mask dance in Gaya ) हुआ है. रंग-बिरंगे परिधानों में भूटान के बौद्ध लामा पारंपरिक वाद्ययंत्रों के धुन पर नृत्य कर रहे हैं. यह कार्यक्रम 3 दिनों तक चलने वाला है. गया में ये पारंपरिक नृत्य का आयोजन पिछले 11 सालों से लगातार किया जा रहा है. इस नृत्य के माध्यम से विश्व शांति के लिये प्रार्थना की जाती है.
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बताया जा रहा है कि प्रत्येक साल इस तरह का धार्मिक आयोजन भूटान में किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि नृत्य करने वाले सभी लामा शांतिदूत होते हैं और इनके नृत्य के बाद आस-पास में रहीं बुरी आत्माएं भाग जाती हैं. जिससे लोगों को सुख-शांति और खुशी मिलती है. इस संबंध में भूटान देश के बौद्ध भिक्षु दोरजी वांगडेल ने बताया कि कोरोना के कारण इन दिनों बोधगया में स्थित विभिन्न देशों के बौद्ध मठों में सन्नाटा पसरा हुआ है. कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं हो रहे हैं.