पटना/गया:ओलंपिक (Olympic) और पैरालंपिक(Paralympic) में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना जौहर दिखाया है. बिहार के दो होनहार भी विदेशी धरती पर तिरंगा लहराना चाहते हैं. विडंबना इस बात की है कि 'आर्थिक दिव्यांगता' इनके सपने को आगे नहीं बढ़ने दे रही है.
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गया (Gaya) के दो दिव्यांग खिलाड़ी राजेश कुमार और अशरफ अली का चयन इसी साल नवंबर महीने में आयोजित पैरालंपिक वॉलीबॉल एशियाई ओलंपिक जोनल चैंपियनशिप के लिए हुआ है. दोनों ईरान में जीत हासिल करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, लेकिन इस मेहनत पर विराम लगने का संशय है. क्योंकि ईरान जाने के लिए दोनों के पास पैसे नहीं हैं. हालांकि एक राहत भरी खबर है कि बिहार सरकार इनकी मदद कर सकती है. जदयू ने यह मामला सरकार के संज्ञान में लाने का वादा किया है ताकि खिलाड़ियों को ईरान जाने में परेशानी नहीं हो.
"बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है. यह अच्छी बात है कि गया के दो खिलाड़ियों का चयन हुआ है. आप लोगों के माध्यम से और हम लोगों के माध्यम से भी सरकार के संज्ञान में चीजें जाएंगी. सरकार पहले भी मदद करती रही है. सरकार निश्चित रूप से इस मामले में संज्ञान लेगी. दोनों के ईरान जाने की व्यवस्था होगी ताकि वे बिहार का नाम रोशन कर सकें."- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू
सिटिंग वॉलीबॉल के खिलाड़ी राजेश कुमार ने बताया कि उनका और अशरफ अली का चयन पैरालंपिक वॉलीबॉल एशियाई ओलंपिक जोनल चैंपियनशिप में सिटिंग वॉलीबाल के लिए किया गया है. इस चैंपियनशिप में पूरे देश से 10 खिलाड़ियों का चयन किया गया है. बिहार से सिर्फ दो खिलाड़ियों का चयन किया गया है.
''यह चैंपियनशिप नवंबर में ईरान में होगा. इसमें अच्छा प्रदर्शन करने पर 2024 में आयोजित पेरिस में होने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भारत की ओर से खेलने का मौका मिलेगा. हम लोग इसे जीतकर भारत का झंडा ऊंचा करना चाहते हैं, लेकिन हमारे पास ईरान जाने के लिए पैसे नहीं हैं.''- राजेश कुमार, खिलाड़ी, सिटिंग वॉलीबॉल
''इस चैंपियनशिप में जाने के लिए हमारी आर्थिक मदद की जाए. दोनों खिलाड़ियों को करीब डेढ़ लाख रुपये की जरूरत है. इतनी राशि हम अकेले कभी भी नहीं जुटा पाएंगे.''- अशरफ अली, खिलाड़ी, सिटिंग वॉलीबॉल
बता दें कि ईरान जाने के लिए 70 हजार रुपये का टिकट, 8500 वीजा चार्ज, 40 हजार एंट्री फीस, ट्रांसपोर्ट और किट 20 हजार रुपए और एडमिनिस्ट्रेशन एक्सपेंस 10 हजार है. यानी ईरान जाने के लिए एक खिलाड़ी पर करीब डेढ़ लाख रुपए का खर्चा है, लेकिन इनके पास डेढ़ लाख रुपए नहीं है. इसलिए अब ये दोनों खिलाड़ी सरकार और जिला प्रशासन से लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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