गया/बांका:लगभग 84 वर्षों में पहली बार गया में भगवान जगन्नाथ की यात्रा कोरोना संक्रमण काल के कारण नहीं निकाली गई. मंदिर में ही वैदिक परंपरा के अनुसार पूजन व अभिषेक किया गया.
बांका जिले के बौंसी में पिछले कई दशकों से चली आ रही भगवान मधुसूदन की रथ यात्रा को कोरोना संकट को लेकर रोक दिया गया. इसके साथ ही सदियों पुरानी परंपरा इस बार टूटती दिखी. हालांकि मंदिर में ही विधि-विधान से पूजा संपन्न कराई गई.
मंदिर परिसर में निकाली गई जगन्नाथ यात्रा हालांकि स्थानीय पंडा समाज के पुजारियों और स्थानीय लोगों के द्वारा परंपरा का निर्वहन करते हुए मंगलवार की शाम को भगवान मधुसूदन के रथ को रथशाला से बाहर कर मंदिर के सामने लाया गया. जहां रथ को साफ पानी से धोकर फूलों से सजा कर रखा गया.
दीप जलाकर मनाया गया जन्मोत्सव बांका के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत ज्येष्ठगौर नाथ मंदिर परिसर में मंगलवार को महादेव का जन्मोत्सव श्रद्धापूर्वक 1100 दीप जलाकर मनाया गया. इस दौरान 1100 मिट्टी के दीपों से पूरे मंदिर परिसर को सुसज्जित किया गया. बताया जाता है कि आज के दिन भोलेनाथ का पूजा करना शुभ माना जाता है. वहीं, भोलेनाथ के जन्मोत्सव को लेकर दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. जानकारी के मुताबिक बांका जिले में अवस्थित ज्येष्ठगौर नाथ महादेव इतिहासकारों के अनुसार बैद्यनाथधाम और बासुकीनाथ धाम से भी प्राचीन है.