बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Makar Sankranti 2023: गया के तपोवन में संक्रांति का महत्व, ब्रह्मा जी के बेटों के नाम पर बने हैं कुंड

गया में मकर संक्रांति के अवसर पर तपोवन (Gaya Tapovan Kund ) में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है. यहां ब्रह्मा जी के पुत्रों के नाम पर चार कुंड बने हैं. इनके नाम सनत, सनातन, सनक और सनंदन हैं. मकर संक्रांति पर यहां स्नान से धर्म का पुण्य लाभ और चर्म रोग से मिलती मुक्ति है. पढ़ें पूरी खबर..

तपोवन में स्नान
तपोवन में स्नान

By

Published : Jan 14, 2023, 10:08 PM IST

गया के तपोवन में मकर संक्रांति पर स्नान

गयाःबिहार के गया में तपोवन में मकर संक्रांति पर स्नान (Bathing in Gaya Tapovan Kund on Makar Sankranti) का विशेष महत्व है. इस कारण यहां इस दिन श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है. यहां ब्रह्मा जी के चार पुत्रों सनत, सनातन, सनक और सनंदन के नाम पर कुंंड है. मान्यता है कि ब्रह्मा जी के पुत्रों के नाम पर रहे इन कुंडों में विशेषकर मकर संक्रांति के दिन स्नान से धर्म का पुण्य लाभ होता है. साथ ही चर्म रोगों से भी मुक्ति मिलती है. मकर संक्रांति के दिन यहां मेला लगता है और ऋषि मुनियों की धरती में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगती है.

ये भी पढ़ेः Makar Sankranti Tilkut Market : क्या आपको पता है बाजार में तिलकुट का क्या है रेट, एक क्लिक में जानें पूरा डिटेल

गया के मोहड़ा प्रखंड में है तपोवनः गया के मोहड़ा प्रखंड में तपोवन स्थित है. यहां पौराणिक काल से मकर संक्रांति के दिन ब्रह्मा जी के चार पुत्रों के नाम पर रहे 4 कुंडों में स्नान का महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि मकर सक्रांति के दिन स्नान से पापों का हरण होता है. धार्मिक पुण्य का लाभ होता है, तो किसी भी प्रकार के चर्म रोग से मुक्ति भी मिल जाती है.

राजगीर की तरह कुंड में आता रहता है गर्म पानीः तपोवन में ब्रह्मा जी के चार पुत्रों के नाम पर रहे चारों कुंड के नाम है. राजगीर की तरह यहां भी गर्म पानी आता रहता है. करीब आधे किलोमीटर की दूरी पर जेठियन पहाड़ी से इस गर्म कुंड का स्रोत बताया जाता है. चारों कुंडों में जेठियन पहाड़ से ही गर्म पानी आता है, जो कि कुंड में प्रवाहित होता रहता है. कहा जाता है कि आज भी इन पहाड़ियों पर ऋषि, मुनि, देवता विराजमान हैं और इसका धार्मिक महत्व काफी है. यहां भगवान राम के आने और भगवान बुद्ध के एक दिन रुकने की बात बताई जाती है.
चारों पुत्रों ने यहीं तप कर पिता ब्रह्मा को किया था खुशः मान्यता है कि यह पौराणिक कुंड है. इसे ब्रह्मा जी के चारों पुत्रों सनत, सनातन, सनक, सनंदन के नाम से जाना जाता है. ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने के लिए चारों पुत्रों ने कठोर तप किया था. इसके बाद से यह चारो कुंड विराजमान है, जो कि ब्रह्मा जी के पुत्रों के नाम पर हैं. इससे जुड़ी धार्मिक कई कथाएं प्रचलित हैं. लोग बताते हैं कि यहां ब्रह्मा जी का स्वयं वास है.

ह्वेनसांग ने भी की है चर्चाः इस संबंध में स्थानीय दिनेश कुमार बताते हैं, कि तपोवन तपोभूमि है. यह ऋषि मुनियों की धरती रही है और देवी देवताओं का यहां वास रहता है. दिनेश बताते हैं कि यहां ब्रह्मा जी के चारों पुत्रों के नाम पर कुंड है. इसमें दिन-रात गर्म पानी प्रवाहित होता रहता है. ह्वेनसांग ने भी इसका जिक्र किया है. वहीं, गया गैजेटियर में भी 18 वीं शताब्दी में इसके संबंध में लिखा हुआ है. एक प्रति अपने पास भी होने की बातें यह बताते हैं.

यहां स्नान करने के बाद ही पूरी होती है धर्मयात्राः दिनेश कुमार के मुताबिक जेठियन की पहाड़ी कुंड के गर्म पानी का स्रोत आता है. यह भी मान्यता है कि राजगीर पहुंचने वाले यदि तपोवन नहीं आते हैं तो उनकी धर्म यात्रा सफल नहीं होती है. यहां बुद्ध ने भी एक रात विश्राम किया था. बताते हैं कि अत्रि मुनि ने भगवान बुद्ध को कमरा दिया था, जिसमें द्वेष वश भयंकर विषधर नाग का वास था. किंतु अत्रि मुनि की सोच के उलट हुआ और सुबह देखा कि विषधर नाग ने अपनी छतरी भगवान बुद्ध को दी है. इसके बाद अत्रेय भगवान बुद्ध के शिष्य बन गए थे.

"जेठियन की पहाड़ी कुंड के गर्म पानी का स्रोत आता है. यह भी मान्यता है कि राजगीर पहुंचने वाले यदि तपोवन नहीं आते हैं तो उनकी धर्म यात्रा सफल नहीं होती है. यहां बुद्ध ने भी एक रात विश्राम किया था''- दिनेश कुमार, स्थानीय.

यहां भगवान राम ने भी किया था स्नानः मान्यता है कि यहां भगवान राम भी पहुंचे थे. मकर संक्रांति का इस धार्मिक भूमि से बड़ा जुड़ाव रहा है. मकर संक्रांति के दिन पुराने जमाने से मेला लगता रहा है. वहीं विनय कुमार सिंह बताते हैं कि तपोभूमि तपोवन में चार गर्म कुंड हैं, जो कि ब्रह्मा जी के चारों पुत्रों के नाम पर है. यह गंगा के समान है, जिस तरह गंगा में स्नान से पुण्य प्राप्त होता है. उसी तरह से यहां मकर संक्रांति के दिन स्नान से पुण्य मिलता है. पाप नष्ट होते हैं और चर्म रोगों से भी छुटकारा मिलता है. उनका यह भी कहना है कि यहां राजगीर से भी गरम पानी प्राप्त होता है.



"तपोभूमि तपोवन में चार गर्म कुंड हैं, जो कि ब्रह्मा जी के चारों पुत्रों के नाम पर है. यह गंगा के समान है, जिस तरह गंगा में स्नान से पुण्य प्राप्त होता है. उसी तरह से यहां मकर संक्रांति के दिन स्नान से पुण्य मिलता है"-विनय कुमार सिंह, स्थानीय

ABOUT THE AUTHOR

...view details