गयाः जिले में रविवार को सभी घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानो में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा होगी. लक्ष्मी पूजा को लेकर गया के सभी बाजारों में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की अस्थायी दुकान लगी है. गया में बनारस के चुनार की बनी मूर्ति और कलकत्ता की मूर्ति बिक्री के लिए दुकानदार लाते हैं. लेकिन गया के लोग सबसे अधिक बनारस की मूर्ति को पसंद करते हैं.
देश में दीपावली की धूम
धन-वैभव की प्राप्ति के लिए सनातन धर्म के अनुयायी रविवार को संध्या बेला में पूजा करेंगे. पूजा के पहले पूजा सामग्री और लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की खरीददारी के लिए शनिवार की शाम बाजारों में खूब भीड़ उमड़ी. मूर्ति दुकानों में अधिक महिलाओं की भीड़ थी. बनारस की बनी मूर्ति पेरिस ऑफ प्लास्टर से बनी होती है और कलकत्ता की मूर्ति मिट्टी से बनी रहती है. हालांकि मिट्टी से बनी कलकत्ता की मूर्ति की मांग इस बार बाजार में कम है.
कलकत्ता और बनारस की मूर्तियों से पटा बाजार बनारस की मूर्तियां साल भर नहीं होती खराब
वहीं एक ग्राहक ने बताया कि वह हर साल बनारस की मूर्तियां लेती है, जो पेरिस ऑफ प्लास्टर से बना होता है. इसलिए यह टिकाऊ रहता है और साल भर इसकी सुंदरता बरकरार रहती है, जबकि कलकत्ता की मूर्तियां मिट्टी की बनी होती है. ये मूर्तियां टिकाऊ नहीं होती और पूरे साल तक रखने में इस मूर्ति की सुंदरता खराब हो जाती है.
प्रतिमा आने की तैयारी शुरू
दुकानदार ने बताया की दीपावली में लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति के दुकान लगाने के लिए एक माह पहले से तैयारी करते है और प्रतिमा के लिए बनारस और कोलकाता में आर्डर देते है. दुर्गा पूजा के बाद ही प्रतिमा आने की तैयारी शुरू हो जाती है. धनतेरस के 5 दिन पहले ही प्रतिमाएं की दुकान लग जाती है. धनतेरस और छोटी दीपावली में ज्यादा बिक्री होता है. इन दोनों में सबसे ज्यादा बनारस की मूर्ति बिकी है. बनारस की मूर्ति खराब नही होती है , इसलिए इसे लोग ज्यादा खरीदते है.