बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Ashwini Choubey: 'UPA सरकार में PM लालू के पॉकेट में रहते थे.. तब क्यों नहीं केस का रफा-दफा करवा लिए' - CBI ED Raid In Bihar

Bihar Politics बिहार में जिस प्रकार से नौकरी के बदले जमीन घोटाला ईडी और सीबीआई ने कार्रवाई की है, उससे राज्य की सियासत गर्मायी हुई है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बड़ा बयान दिया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे

By

Published : Mar 13, 2023, 10:54 PM IST

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे

गया :बिहार के गया में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबियों पर सीबीआई और ईडी की रेड पर आरजेडी नेताओं द्वारा उठाई जा रही उंगली को लेकर करारा जवाब दिया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा है कि यूपीए के प्रधानमंत्री लालू के पॉकेट में रहा करते थे. यूपीए सरकार में ही पहली बार सीबीआई ने लालू के खिलाफ कार्रवाई की थी. वर्तमान में सीबीआई कार्रवाई कर रही तो फिर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें - Land For Job Scam: बिल्ली की आवाज निकाल कर विरोधियों को चिढ़ाया, सातवें आसमान पर तेजस्वी का गुस्सा

UPA में ही लालू पर कसा गया था शिकंजा :लालू को UPA सरकार में CBI ने पहली बार कार्रवाई की जद में लाया: केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आरजेडी ने सीबीआई पर उंगली उठाया है. केंद्रीय जांच एजेंसियों को लेकर कानून तक बनाने की मांग कर रहे हैं. कहा कि इस जमाने में यह कहां थे, जिस जमाने में लालू को पहली बार सीबीआई ने कार्रवाई की जद में लाया था.

''कहा जाता है कि यूपीए के प्रधानमंत्री लालू के पॉकेट में रहा करते थे. लालू कितने तेजतर्रार शक्तिशाली मंत्री, मुख्यमंत्री के रूप में माने जाते थे, तो यूपीए सरकार के समय में ही सीबीआई से केस क्यों नहीं रफा-दफा करा लिया. सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है. उसका कोई सरकार से लेना देना नहीं है. ईडी हो या सीबीआई स्वतंत्र एजेंसियां है और सरकार से कोई ताल्लुकात नहीं रहता है.''- अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री

'बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय' :केंद्रीय मंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि रोपे पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय. बबूल का पेड़ रोपे हैं, तो आम कहां से मिलेगा, कांटा ही चुभेगा. मंत्री ने लालू प्रसाद को भ्रष्टाचार का जननी बताया. साथ ही कहा कि यही वजह है कि जांच एजेंसियों से यह सभी घबरा रहे हैं, तो वहीं केंद्रीय जांच एजेंसियों को लेकर कानून बनाने की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details