बिहार

bihar

ETV Bharat / state

गया के आशीष ने इंजीनियरिंग छोड़ खेती को बनाया मकसद, कई सेहतमंद अनाज और सेब की खेती कर कमा रहे लाखों

गया के आशीष कुमार सिंह (Farmer Ashish Kumar singh) की पहचान एक सफल और उन्नत किसान के रूप में है, जिन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल की नौकरी छोड़कर खेती को अपना मकसद बना लिया. आज इसी खेती से उन्हें सालाना तकरीबन 10 लाख की आमदनी हो रही है. पढ़ें क्या है आशीष की पूरी कहानी....

इंजीनियरिंग छोड़ खेती को बनाया मकसद
इंजीनियरिंग छोड़ खेती को बनाया मकसद

By

Published : Jun 2, 2022, 2:44 PM IST

गयाःबिहार में इन दिनों लोगों का रुझान खेती की ओर काफी बढ़ रहा है, प्रदेश के कई लोग अच्छी खासी और मोटी रकम वाली नौकरी छोड़कर आर्गेनिक (Organic Farming In Bihar) और पारंपरिक खेती को अपना रहे हैं. बिहार के गया में भी एक इंजीनियरिंग कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल ने नौकरी छोड़ दी और गांव में खेतीकी ओर रुख किया. आज वो तरह-तरह के विदेशी पौधों से काले गेंहू, काले चावल, काले आलू और सेब की खेती (Ashish Kumar From Gaya Started Apple Farming) कर रहे हैं. उनका कहना है कि आने वाले वक्त में इससे वो अच्छी कमाई करेंगे और कईयों को आत्मनिर्भर बनाएंगे.

ये भी पढ़ेंःअब बिहार में भी करें सेब की खेती, इस किस्म के पौधे आपको कर देंगे मालामाल !

सफल किसान के रूप है अशीष की पहचानःदरअसल गया के रहने वाले आशीष कुमार सिंह ने इंजीनियरिंग कॉलेज में वाइस प्रिंसिपल की नौकरी छोड़कर कृषि के क्षेत्र में अपने गुर को आजमाना शुरू कर दिया. आशीष ने अपने खेतों में ब्लू गेहूं, काला गेहूं, काला चावल उगाया. और बाद काले आलू की फसल उगाने की तैयारी है. आशीष की पहचान अब गया के सफल और उन्नत कृषि करने वाले किसान के रूप में होने लगी है. अब उन्होंने सेब भी उगाना शुरू कर दिया है. 2 साल से इसका ट्रायल चल रहा था. घर के बागीचे में सेब उगने लगा तो फार्म हाउस में सेब के 225 पौधे लगा दिए.

'सेब की खेती चालू की है. 2 साल से ट्रायल कर रहे थे. इस बार सेब में फल और फूल दोनों अच्छा आया है. पहले घर में ही सेब उगाए. एक बड़े से गमले में यह संभव हुआ है. अब कंडी नवादा में एक भूखंड पर सेब के 225 पौधों का रोपण किया गया है. अगले साल से फल आने लगेंगे. हॉट क्लाइमेट में सेब का पेड़ तैयार किया गया है. 40 से 50 डिग्री में इसका उत्पादन किया जा रहा है. आमतौर पर ठंड प्रदेश में ही सेब उगाए जाते हैं. रिसर्च कर इसे गर्म प्रदेश के लायक बनाया गया है. इसमें कई वैरायटी है. जिसमें हारमन 99 वैरायटी, अन्ना 30, गोल्डन क्राफ्ट है. यह सब गर्म प्रदेश की वैरायटी हैं. आने वाले साल से अच्छे फसल आने लगेंगे.'- आशीष कुमार सिंह, किसान

200 बीघा में होती है गेंहू की खेतीःकिसान आशीष कुमारसाल 2016 से ही काले गेहूं, ब्लू गेहूं और ब्लैक चावल की खेती कर रहे हैं. करीब 200 बीघा में इनकी खेती हो रही है. वो दूसरे किसानों को भी इसके बीज देकर फसल उगवाते हैं और फिर बाद में खरीद लेते हैं. तकरीबन 10 लाख सालाना आमदनी होती है. वहीं, अब गया जिले के विभिन्न प्रखंडों में भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद ब्लैक गेहूं, ब्लू गेहूं और ब्लैक चावल की खेती धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. इस तरह के नए उन्नत उत्पादों का फैलाव जिले में हो रहा है और इसकी बिक्री भी बढ़ी है.

इसे भी पढ़ें-'इंटीग्रेटेड फार्मिंग' से सालाना 10 लाख की कमाई कर रहे गोपालगंज के मनीष तिवारी, 20 लोगों को दिया रोजगार

स्कॉटलैंड से मंगाया गया काले आलू का बीजः आशीष बताते हैं किब्लैक चावल 12500 रुपये प्रति क्विंटल तो ब्लैक गेहूं 4000 रुपये प्रति क्विंटल और ब्लू गेहूं 8000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बाजार में बिकता है. इस केमिकल फ्री फसल की कीमत और ज्यादा है, लेकिन फिलहाल अभी ये सस्ते दरों में बेची जा रही है. आशीष काले गेहूं और काले चावल के बाद अब काले आलू की खेती की तैयारी भी कर रहे हैं. काले आलू का बीज स्कॉटलैंड से मंगाया गया है. यूएस में इसकी कीमत फिलहाल में 300 प्रति किलो है. गया में यह 400 प्रति किलो की दर से बिकेगा. काले आलू का बीज कोल्ड स्टोरेज में रखा गया है, नवंबर में इसे लगाया जाएगा.

डूंगरगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में थे वाइस प्रिंसिपलःकिसान आशीष पहले डूंगरगढ़ में वाइस प्रिंसिपल थे. वहां के इंजीनियर कॉलेज में उन्हें प्रिंसिपल पद मिला था. बाद में उनका रुझान खेती की ओर हो गया तो उन्होंने इस नौकरी को छोड़ दिया. इनका बैकग्राउंड भी खेती ही रहा है. दादा-परदादा और पिताजी सभी खेती से ही जुड़े हुए हैं. गौरतलब है कि आशीष कुमार सिंह गया के काफी उन्नत किसान हैं. इन्होंने विभिन्न तरह के दुर्लभ फसलों को उगाकर काफी सुर्खियां बटोरी है. फिलहाल काले आलू और सेब की खेती करके ये एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. गया जैसे गर्म क्षेत्र में सेब की फसल उगाना दुर्लभ ही माना जाता है. मगध क्षेत्र में पहली बार सेब की फसल उगाई जा रही है.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP


ABOUT THE AUTHOR

...view details