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गया: 5 सूत्रीय मांग को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी, कामकाज हो रहा प्रभावित - पांच सूत्रीय मांग को लेकर धरना प्रदर्शन

जिले में आशा कार्यकर्ताओं के धरना प्रदर्शन से कई कार्य प्रभावित हो रही है. वहीं इनके प्रदर्शन से कई कार्यक्रम को भी स्थगित करना पड़ा है. इसके साथ ही एनीमिया मुक्त भारत का सपना क्षेत्र में महज सपना ही बनकर रह गया है.

asha workers protest continue for 5 point demands in gaya
आशा कार्यकर्ताओं का धरना जारी

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Published : Sep 23, 2020, 12:41 PM IST

गया: जिले के टिकारी अनुमण्डल अस्पताल परिसर में विगत 20 अगस्त से आशा कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन जारी है. लेकिन अस्पताल प्रशासन महज कागजी कार्रवाई के कोई भी समाधान निकालने में पूर्ण रूप से विफल है. इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चो, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा लाभ पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा है.
कई कार्य प्रभावित
वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-2015 की लंबित प्रोत्साहन राशि भुगतान, कोरोना के दौरान किए गए व्यय का जांच सहित पांच सूत्री मांग को लेकर आशा कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन कर रही है. आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से जननी सुरक्षा योजना के तहत निर्धन महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी लाभ पहुंचाने, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य केन्द्र व उपकेंद्र पर गर्भवती महिला और किशोरियों को लाना, टीकाकरण में सहयोग करना सहित कई कार्य प्रभावित हो रही हैं. आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से बीसीजी, हेपटाइटिस बी, बीओपीवी, पेंटा, एफआईपीवी, रोटावायरस, खसरा रूबेला, डीपीटी, डिटी, पीसीवी और जेई का टीकाकरण कराया जाता है. वहीं धरना प्रदर्शन के कारण ग्रामीणों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही टीकाकरण कराना पड़ रहा है.

आशा कार्यकर्ताओं का धरना जारी
कई स्वास्थ्य कार्यक्रम को करना पड़ा स्थगितजिले में राज्य स्वास्थ्य समिति के आदेश पर बच्चों के लिए 16 सितंबर से 19 सितंबर तक एल्बेंडाजोल के कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था. लेकिन आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के कारण यह कार्य स्थगित करना पड़ा. एल्बेंडाजोल की एक लाख पांच हजार पांच सौ सत्तावन टैबलेट अस्पताल भेजा गया है. जो अब तक अस्पताल में ही रखा हुआ है. इसके अलावा विटामिन ए की दवाईयों के वितरण और डायरिया के प्रकोप से बचने के कार्यक्रम को भी टाला गया है. एनीमिया मुक्त भारत अभियान हो रहा फेलअनुमण्डलीय अस्पताल के सूत्रों में बताया गया है कि आशा कार्यकर्ताओं में से नियुक्त 11 फैसिलेटर के माध्यम से एनीमिया मुक्त भारत अभियान बनाने का लक्ष्य रखा गया था. इसके तहत प्रत्येक सप्ताह के बुधवार को बच्चियों को दी जाने वाली आयरन की गोली और किशोरियों को दी जाने वाली आयरन की सिरप को महज रिसीव कर अस्पताल परिसर में ही छोड़ दिया गया है. इस पूरे वर्ष चलने वाले कार्यक्रम को लेकर अस्पताल के पास दो लाख दस हजार आयरन की गोली और दो हजार सिरप लाई गई है. इसमें से एक लाख बीस हजार टैबलेट और छह सौ सिरप अस्पताल परिसर में ही रखा है. फैसिलेटर के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं को अब तक नहीं दिया गया है, जिससे एनीमिया मुक्त भारत का सपना क्षेत्र में महज सपना ही बनकर रह गया है. दावा प्रपत्र के लिए जांच समिति का गठनआशा कार्यकर्ताओं के लंबित प्रोत्साहन राशि भुगतान की मांग को लेकर अनुमण्डल अस्पताल प्रशासन ने पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. इस गठित समिति में प्रखंड विकास पदाधिकारी या अंचलधिकारी, टिकारी थानाध्यक्ष या अन्य प्राधिकृत पुलिस अधिकारी, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ विश्वमूर्ति मिश्रा और आशा कार्यकर्ता की एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है, लेकिन आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से अब तक दावा प्रपत्र समर्पित नहीं किया जा सका है. क्या कहते है अस्पताल उपाधीक्षकअनुमण्डल अस्पताल उपाधीक्षक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सरोज कुमार सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ता दिन प्रतिदिन अस्पताल प्रशासन पर बेबुनियाद आरोप लगा रहीं हैं. अस्पताल प्रशास इसन मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुमण्डल और जिला स्तरीय पदाधिकारियों को सूचना दे दी है. आशा कार्यकर्ताओं को बहकाने में शामिल कर्मियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा जा चुका है.क्या कहती है आशा कार्यकर्ताआशा कार्यकर्ता संघ की प्रखंड अध्यक्ष मुन्नी कुमारी ने बताया कि अस्पताल प्रशासन से उनकी मांगो को दबाया जा रहा है. इसके साथ ही जिला के पदाधिकारियों को दिग्भ्रमित किया जा रहा है. लंबित प्रोत्साहन राशि भुगतान सहित पांच सूत्री मांगो को लेकर जबतक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

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