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गयाः नाराज ग्रामीणों ने मध्य विद्यालय में जड़ा ताला, बताई ये वजह

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Published : Mar 6, 2020, 12:17 PM IST

Updated : Mar 6, 2020, 1:54 PM IST

इस स्कूल के प्राचार्य रंजीत कुमार साल में मात्र दो बार ही 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने आते हैं. इसके अलावा कभी स्कूल में नजर ही नहीं आते.

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स्कूल में तालाबंदी

गयाः स्कूल प्रशासन की लापरवाही से क्रोधित होकर जेहली बिगहा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में ग्रामीणों ताला जड़ा दिया है. स्कूल में पठन-पाठन, मध्यान भोजन, समेत कई योजनाओं का हाल बुरा है, अधिकारियों से शिकायत के बावजूद भी स्थिति नहीं सुधरी और आखिरकार लोगों ने स्कूल को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया.

'स्कूल नहीं आते प्राचार्य'
दरअसल इस स्कूल के प्राचार्य रंजीत कुमार साल में सिर्फ दो बार ही विद्यालय आते हैं. जिस कारण विद्यालय में बच्चों का पठन-पाठन, मध्यान भोजन, पोशाक, विद्यालय का विकास सहित सभी योजनाएं ठप पड़ी हैं. अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.

ईटीवी की भारत की रिपोर्ट

ग्रामीणों ने की स्कूल में तालाबंदी
ग्रामीणों का कहना है जब तक अधिकारी प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते, तब तक स्कूल में तालाबंदी रहेगी. जेहली बिगहा गांव निवासी महेंद्र कुमार आजाद ने बताया कि रंजीत कुमार बीते 10 सालों से इस स्कूल के प्राचार्य हैं. लेकिन वह साल में मात्र दो बार ही दिन 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने आते हैं. इसके अलावा कभी स्कूल में नजर ही नहीं आते.

जगह-जगह से टूट रहा प्लास्टर
इतना ही नहीं गांव वालों का कहना है कि विद्यालय के विकास के लिए जो राशि आती है, वह कहां लगाई जाती है? यह भी पता नहीं चलता. जिस कारण विद्यालय के कमरों का प्लास्टर जगह-जगह से टूटकर गिर रहा है. टेबल, कुर्सी पुराने हो चुके हैं. स्कूल कमेटी के सचिव से पूछने पर भी कुछ सही-सही नहीं बताया जाता. इस संबंध में कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई. लेकिन अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते हैं, करवाई नहीं करते. अब ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि जब तक प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती.

स्कूल में पहुंचे लोग

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ठप पड़ा है पठन-पाठन का काम
वहीं, ग्रामीण महिला गायत्री देवी ने कहा कि प्राचार्य के विद्यालय नहीं आने से बच्चों को भोजन, पठन-पाठन सब ठप पड़ा है. समझ में नहीं आता अपने बच्चों को पढ़ने के लिए कहां भेजे ? टीसी के लिए भी सालों भटकना पड़ता है. जिस कारण बच्चों का दूसरे स्कूल में भी नामांकन नहीं हो पा रहा है.

'साल में सिर्फ दो बार आते हैं प्रिंसिपल'
वहीं, इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र विकास कुमार भारती ने कहा कि प्राचार्य महोदय साल में सिर्फ दो बार आते हैं, जिस कारण विद्यालय के अन्य शिक्षक भी पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं लेते. सवाल पूछने पर टाल दिया जाता है. बीते 5 महीने से महीने में एक या दो बार ही मध्यान भोजन मिल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्राचार्य के विरूद्ध अधिकारी करवाई नहीं करेंगे तब तक अनिश्चितकाल के लिए ताला बंद रहेगा.

Last Updated : Mar 6, 2020, 1:54 PM IST

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