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आनंद महिन्द्रा ने बिहार के 'कैनाल मैन' लौंगी भुइयां को गिफ्ट किया ट्रैक्टर - जल जीवन हरियाली योजना

लौंगी भुइयां का नाम चर्चित होने के बाद उनके घर कई जनप्रतिनिधि, नेता, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कई संगठन के लोगों के आने-जाने का तांता लगा हुआ है. कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने जल जीवन हरियाली योजना का ब्रांड एम्बेसडर बनाने की अनुशंसा करने की बात कही है.

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Published : Sep 20, 2020, 8:28 AM IST

गयाः जिले के लुटुआ पंचायत स्थित कोठीलवा गांव के निवासी लौंगी भुइयां के काम की हर तरफ चर्चा हो रही है. मंत्री, विधायक सभी 'कैनाल मैन' से मिलने पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में आनंद महिंद्रा ग्रुप ने लौंगी भुइयां को सम्मानित किया है. चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कैनाल मैन को खेती करने के लिए ट्रैक्टर गिफ्ट किया है.

नहर खोदकर पेश की मिसाल
तीस वर्षों तक अथक परिश्रम कर अकेले नहर खोदने वाले लौंगी भुइयां को औद्योगिक घराने से महिंद्रा ग्रुप का सम्मान मिला है. ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा के निर्देश पर गया के डीलर ने लौंगी भुइयां को ट्रैक्टर सौंपा. गया के नक्सल प्रभावित लुटुआ स्थित कोठीलवा गांव के बुजुर्ग लौंगी भुइयां ने अकेले नहर खोदकर मिसाल पेश की है.

लौंगी भुईया

आनंद महिंद्रा का ट्वीट
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करते हुए लौंगी भुइयां की सराहना की थी. उन्होंने भुइयां के खोदे गये कैनाल की तुलना ताज से की थी. ट्वीट में उन्होंने लौंगी भुइयां को ट्रैक्टर देने का ऐलान किया था. साथ ही आनंद महिंद्रा ने लिखा कि कैनाल मैन को ट्रैक्टर देना मेरा सौभाग्य होगा.

ट्रैक्टर मिलने पर खुशी
आनंद महिंद्रा ग्रुप के डीलर ने लौंगी भुइयां से संपर्क स्थापित कर उन्हें ट्रैक्टर हैंडओवर किया. ट्रैक्टर पाकर लौंगी भुईयां काफी खुश दिखे.

"कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा दिन आएगा. गांव तक पानी पहुंचाने के लिए हम काम करते रहे. जिससे फसल की उपज हो पाए और मजदूरी के रूप में थोड़ा बहुत अनाज किसानों से मांग लेते."
-लौंगी भुइयां

लौंगी भुईया को गिफ्ट किया गया ट्रैक्टर

कंपनी की ओर से दिया गया था निर्देश
वहीं, महिंद्रा ट्रैक्टर के स्थानीय डीलर सिद्धिनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि कंपनी की ओर से उन्हें निर्देशित किया गया था. उन्होंने कहा कि लौंगी भुइयां को ट्रैक्टर सौंपकर वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. बता दें कि लौंगी भुइयां ने खेतों में जल ठहराव का कोई साधन नहीं देखते हुए 30 साल में 5 किलोमीटर तक नहर खोद दिया. जिससे मौसम के अनुसार फसल की उपज हो पाए.

ट्रैक्टर

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