गया: दिल्ली के तुगलकाबाद के संत रविदास की मूर्ति को तोड़े जाने से नाराज अंबेडकर संघर्ष मोर्चा ने गया कॉलेज स्थित खेल परिसर से आक्रोश मार्च निकाला. यह मार्च शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय तक निकाला गया. इस दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पीएम मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. विरोध कर रहे लोगों ने दोबारा उसी स्थान पर मंदिर बनवाने की मांग की.
सतीश कुमार, अध्यक्ष, अंबेडकर संघर्ष मोर्चा पीएम मोदी को बताया तानाशाह
विरोध प्रदर्शन कर रहे अंबेडकर संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष सतीश कुमार ने मोदी सरकार को दलित समाज का दुश्मन बताते हुए कहा कि पीएम के इशारे पर देश में दलित महापुरुषों की प्रतिमाओं को विखंडित किया जा रहा है. सहरसा में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को तोड़ी गई. जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र में बहुजनों के नेता लालू प्रसाद की मूर्ति को तोड़ी गई. जिससे दलित समाज की भावना को ठेस पहुंची है.
सतीश कुमार, अध्यक्ष, अंबेडकर संघर्ष मोर्चा मंदिर का हो निर्माण
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि संत रविदास जी का 600 वर्ष पुराना मंदिर तोड़ी गयी है. जिस वजह से पूरे देश के बहुजनों में आक्रोश है. इसलिए सरकार उसी स्थान पर रविदास जी का भव्य मंदिर का निर्माण करवाये नहीं तो पूरे देश में चरणबद्ध आन्दोलन किया जाएगा.
विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोग मुर्तियों को तोड़ने वाले पर हो कठोर कार्रवाई
अंबेडकर संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार एक ओर जहां दलित और पिछड़ों के विकास की बातें करती है. वहीं, दूसरी तरफ गरीबों और दलितों के मसीहा संत रविदास जी की मूर्ति ही तोड़ दी जाती है. इसलिए सरकार महापुरुषों की प्रतिमाओं को विखंडित करने वाले को सरकार चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि इस बबात जिलाधिकारी से मिलकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा जाएगा.
विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोग कौन थे संत रविदास
संत गुरू रविदास का जन्म यूपी के वाराणसी शहर के गोबर्धनपुर गांव में हुआ था. वे 15वीं सदी के एक महान समाज सुधारक थे. उन्हें संत रैदास के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और छुआछूत आदि का उन्होंने विरोध किया. वे पूरे जीवन समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ काम करते रहे.