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खुदाई में मिली भगवान बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा, पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर ने 11वीं सदी का बताया - A rare statue of Lord Buddha found during the excavation of a pond

अमरपुर थाना क्षेत्र के डुमरामा हाई स्कूल के पास तालाब की खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा मिली है. पुरातत्व विभाग के प्रो. डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता ने इसे ब्लैक बेसाल्ट पत्थर से बनी 11वीं सदी की प्रतिमा बताया है.

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तालाब की खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की मिली दुर्लभ प्रतिमा

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Published : Jun 16, 2020, 10:59 PM IST

बांका:जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र में डुमरामा हाई स्कूल के पास गड़ैया तालाब से भगवान गौतम बुद्ध की प्राचीन प्रतिमा मिली है. इस मूर्ती के मिलने के बाद गांव में चर्चा का विषय बन गया है. वहीं, तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति और पुरातत्व विभाग के अस्सिटेंट प्रो. डॉ. दिनेश प्रसाद गुप्ता ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा को 11 वीं सदी का बताया.

इस प्रतिमा के मिलने को लेकर अमरपुर वार्ड नंबर-5 निवासी चंदन कुमार ने बताया कि वो मंगलवार को अपनी बाइक से तारडीह गांव की ओर जा रहा था. इसी दौरान उसकी नजर डुमरामा हाई स्कूल के पास मनरेगा के तहत चल रहे खुदाई कार्य के दौरान गड़ैया तालाब में एक काले पत्थर की प्रतिमा पर पड़ी. जिसके बाद उसने ग्रामीणों की मदद से प्रतिमा को उठाकर नवटोलिया गांव स्थित इंडियन गैस गोदाम में रख दिया और प्रतिमा का फोटो भागलपुर स्थित तिलकामांझी विश्वविद्यालय जांच के लिए भेजा.

ब्लैक बेसाल्ट पत्थर की है प्रतिमा
भागवान बुद्ध की प्राचीन प्रतिमा मिलने को लेकर पुरातत्व विभाग के अस्सिटेंट प्रो. डॉ. दिनेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि भगवान बुद्ध इस दुर्लभ प्रतिमा में पदमासन स्थिति में कमल आसन पर बैठे हैं. यह प्रतिमा 11वीं सदी की है और यह ब्लैक बेसाल्ट पत्थर का बना हुआ है.

सरकार की उपेक्षा का शिकार है अमरपुर
एक समाजसेवी राजेश कुमार साह ने बताया कि अमरपुर को देवस्थल भी कहा जाता है. अमरपुर के विभिन्न क्षेत्रों में आए दिन दुर्लभ प्रतिमा का मिलना इस बात को प्रमाण करता है कि कभी ना कभी भगवान गौतम बुद्ध के कदम जरूर अमरपुर में पड़े होंगे. वहीं, अमरपुर क्षेत्र में दर्जनों ऐतिहासिक तीर्थ स्थल हैं जहां श्रद्धालु आते रहते हैं. लेकिन ये एरिया केंद्र और बिहार सरकार की उपेक्षा का शिकार है. इसके साथ ही भदरिया गांव के समाजसेवी लखनलाल पाठक ने बताया कि इतिहासकारों ने भगवान बुद्ध का भदरिया गांव में आने की बात की पुष्टि कर चुके हैं.

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