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गया,जहानाबाद और अरवल जिले के 38 पैक्स अध्यक्ष डिफॉल्टर, 31 डिफॉल्टर अकेले गया से - 38 PACS President Defaulter from three districts

गया,जहानाबाद और अरवल के 38 पैक्स अध्यक्षों ने मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की ऋण की राशि नहीं लौटाई है. वहीं, गया जिले में 31 डिफॉल्टर पैक्स अध्यक्षों के पास बैंक के 776.94 लाख रूपए बकाया है.

गया
तीन जिलों के 38 पैक्स अध्यक्ष डिफॉल्टर

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Published : Dec 4, 2020, 5:10 AM IST

गया:धान की फसल खेतों से कट कर खलिहानों में आ चुकी है. लेकिन अब तक जिले पैक्स के तहत धान की खरीदारी शुरू नहीं हुई है. जिस कारण जिले के किसानों की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई है. रबी की बुआई सामने है, लेकिन धान के नहीं बिकने के कारण आगामी फसल पर इसका प्रतिकूल असर दिखने को मिल सकता है.

332 पंचायत पैक्स में 31 डिफॉल्टर
गया जिले में 332 पंचायत में पैक्स गठित हैं. जिसमें से 31 पैक्स डिफॉल्टर हैं. इन पैक्स के अध्यक्षों ने मगध सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक का ऋण नहीं चुकाया है. वही, तीन जिलों के 38 पैक्स अध्यक्षों को भी डिफॉल्टर के श्रेणी में रखा गया है. इन 38 डिफॉल्टर पैक्स अध्यक्षों को 20% जो फसल खरीदारी के लिए जो ऋण दिया जाता था वह अब नहीं दिया जाएगा.

जिससे जिले में अब सरकारी रेट पर किसानों की फसल की खरीदारी कम होगी. जिस कारण जिले के किसानों को घाटा होगा.

तीन जिलों के जिले के 38 पैक्स अध्यक्ष डिफॉल्टर

नए डिफॉल्टरों को मौका, पुराने पर होगी कार्रवाई
वहीं, इन बकायादारों को ऋण नहीं दिए जाने के संबंध में मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक ने बताया कि मगध क्षेत्र के तीन जिला गया,जहानाबाद और अरवल के 38 पैक्स अध्यक्ष को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है. इनमें गया जिले में सबसे ज्यादा 31 पैक्स अध्यक्ष डिफॉल्टर है. जिनमे सबसे ज्यादा मोहनपुर प्रखण्ड और बेलागंज प्रखण्ड के पैक्स अध्यक्ष शामिल है. वहीं, उन्होने बताया कि गया जिले के 31 डिफॉल्टर में से जो नए डिफॉल्टर है उन्हें बैंक एक और बार मौका दे रही है. बैंक निदेशक ने कहा कि वे मूलधन जामा करके धान खरीदारी की राशि प्राप्त कर लें. लेकिन जो वर्षों से डिफॉल्टर हैं उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है.

किसानों के हित में दिया मौका
उन्होंने कहा कि हमलोग किसानों के हित लिए डिफॉल्टर को एक मौका दे रहे हैं. डिफॉल्टर मूलधन की वापसी करे उसके बाद बाकी सूद की राशि कारोबार कर वापस कर दे. तत्काल कोई डिफॉल्टर इसका लाभ नहीं उठाते है तो प्रभावती पंचायत के किसानों को दूसरे पंचायत के पैक्स में स्थानांतरित किया जाएगा. किसान दूसरे पंचायत के पैक्स या व्यापार मंडल में अपनी धान की बिक्री कर सकते हैं.

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