गया: आकाशीय बिजली गिरने की भविष्यवाणी किये जाने के बाद भी जिले में दो लोग उसकी चपेट में आ गये और उनकी मौत हो गई. पहली मौत इमामगंज प्रखंड क्षेत्र छोटका करासन गांव में सोमवार को आकाशीय बिजली गिरने से एक 12 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई. दूसरी मौत इमामगंज प्रखंड के छकरबंधा पंचायत के कोकना निवासी ललन सिंह भोक्ता का 18 वर्षीय पुत्र नन्दू कुमार की वज्रपात से मौत हो गई.
गया में वज्रपात सबसे ज्यादा इमामगंज क्षेत्र में हुआ है. वज्रपात के चपेट में आने से इमामगंज प्रखण्ड क्षेत्र के दो लोगों की मौत हुई है. मौसम विभाग के अनुसार, आज भी वज्रपात होने की आशंका हैं, जिसमे जिले के वजीरगंज प्रखण्ड में ज्यादा होने का आशंका है. वहीं, अन्य पहाड़ी और जंगली में क्षेत्रों में भी वज्रपात होने की आंशका जताई गई है.
बिहार में आसमानी कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को अलग-अलग जिलों में वज्रपात से कुल 6 लोगों की मौत हुई. आकाशीय बिजली ने आज औरंगाबाद में जहां 5 लोगों की जान ले ली है. वहीं दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं. घटना नबीनगर के मांडर गांव की है, सभी घायलों को रेफरल अस्पताल नबीनगर में भर्ती कराया गया है.
ये भी पढ़ें:बिहार में आज भी कई जगहों पर बारिश और ठनका गिरने की आशंका
वज्रपात से बचने के उपाय
- बिजली गिरने के दौरान मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित है.
- घरों में तड़ित चालक लगवाएं
- बिजली से चलने वाले उपकरण बंद कर दें.
- यदि किसी वाहन पर सवार हैं तो तुरंत सुरक्षित जगह चले जाएं.
- टेलीफोन, बिजली के पोल के अलावा टेलीफोन और टीवी टावर से दूर रहें.
- किसी इकलौते पेड़ के नीचे नहीं जाएं.
- नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े ना रहें. बादल गर्जन के दौरान मोबाइल और छतरी का प्रयोग न करें.
- आंधी-बारिश व तूफान के दौरान तत्काल बाद घर से बाहर न निकलें. देखा गया है कि बादल गर्जन व तेज बारिश के होने के 30 मिनट बाद तक बिजली गिरती है.
- अगर कहीं कोई तेज बारिश में फंस जाएं तो अपने हाथों को घुटनों पर और सिर को घुटनों के बीच में रखें. इससे शरीर को कम-से-कम नुकसान होगा.
- घरों के दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दा लगा देना चाहिए.
- बादल गर्जन और बारिश के दौरान घर के नल, टेलीफोन ,टीवी और फ्रिज आदि न छूएं.