गया: बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है. पितृपक्ष मेले के दसवें दिन विष्णुपद मंदिर के सोलह वेदी स्थान में पिंडदान होता है. आश्विन कृष्ण अष्टमी यानी पितृपक्ष मेले के दसवें दिन विष्णुपद मंदिर में स्थित 16 वेदी पर पिंडदान का कर्मकांड होता है. इनमें पांच वेदियों पर दूध से गजकर्ण-तर्पण किया जाता है. इससे पितरों को ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है.
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16 वेदी पर चार दिन करते हैं पिंडदान: त्रैपाक्षिक श्राद्ध कराने वालों के लिए तिथिवार पिंडदान का कर्मकांड करना होता है. पिछले तीन दिनों से विष्णु पद मंदिर में 16 वेदी पर पिंडदान का कर्मकांड चल रहा है. आश्विन कृष्ण पंचमी को विष्णु पद मंदिर की तीन वेदियों पर, आश्विन कृष्ण षष्ठी को विष्णु पर मंदिर के 16 वेदी पर, आश्विन कृष्ण सप्तमी को भी सोलह वेदी पर पिंडदान का कर्मकांड किया गया. वहीं, अश्विन कृष्ण अष्टमी को विष्णुपद मंदिर के 16 वेदी में पिंडदान करने का विधान है. वहीं, इनमें से पांच वेदियों पर दूध से गजकर्ण-तर्पण होता है. दूध के अलावे गंगाजल या फल्गु नदी के पानी से तर्पण करना चाहिए.
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