मोतिहारी:ऐतिहासिक मोतीझील के अतिक्रमित जमीन से अतिक्रमण हटाने का काम शनिवार से शुरू हो गया. हालांकि, अतिक्रमण हटाने के दौरान कुछ विरोध भी हुआ. बता दें कि मोतीझील के 157 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया गया था. इसके बाद उन्हे 14 दिसंबर तक अतिक्रमित जमीन को खाली करने का नोटिस दिया गया था. बावजूद इसके अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमित जमीन को खाली नहीं किया.
ऐतिहासिक मोतीझील पर हुए अतिक्रमण को हटाने का काम शुरू, 157 अतिक्रमणकारी चिन्हित - अतिक्रमित जमीन को खाली कराने के लिए ड्राईव
जिला प्रशासन के नोटिस देने के बाद भी अतिक्रमणकारियों ने मोतीझील के अतिक्रमित जमीन को खाली नहीं किया. लिहाजा, जिला प्रशासन ने शनिवार से मोतीझील के अतिक्रमित जमीन को खाली कराने के लिए ड्राईव शुरु किया. ताकि मोतीझील को पुराने स्वरुप में लाया जा सके.
काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती
अपर समाहर्ता शशि शेखर चौधरी के नेतृत्व में पूरा प्रशासन अमला मोतीझील के अतिक्रमण को हटाने में लगा हुआ था. काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. गायत्री मंदिर के पास से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हुआ और नगर परिषद कार्यालय के पास मोतीझील में बने पक्का मकान को तोड़ा गया. जहां घर बनाकर रह रहे कुछ परिवारों ने विरोध करने की कोशिश की. लेकिन प्रशासनिक सख्ती के आगे विरोध करने वाले टिक नहीं पाए. अपर समाहर्ता ने बताया कि मोतीझील के अतिक्रमणकारियों को पहले हीं सूचना दे दी गई थी कि 14 दिसंबर तक अतिक्रमित जमीन खाली कर दें. अन्यथा प्रशानिक स्तर पर अतिक्रमण हटाया जाएगा.
'157 अतिक्रमणकारी किये गए चिन्हित'
शशि शेखर चौधरी ने बताया कि ऐतिहासिक मोतीझील का पुरा रकबा 487 एकड़ है. अतिक्रमणकारियों और भूमाफियाओं के कारण मोतीझील का रकबा अब केवल 300 एकड़ बचा हुआ है. जिसको संरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन ने मोतीझील के 157 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया. इसके बाद उन्हे 14 दिसंबर तक अतिक्रमित जमीन को खाली करने का नोटिस दिया था. बावजूद इसके अतिक्रमणकारियों ने मोतीझील के अतिक्रमित जमीन को खाली नहीं किया. लिहाजा, जिला प्रशासन ने शनिवार से मोतीझील के अतिक्रमित जमीन को खाली कराने के लिए ड्राईव शुरू किया है. ताकि मोतीझील को पुराने स्वरूप में लाया जा सके.