मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में नदियों का जलस्तर सामान्य हो गया है. जलस्तर कम होने के बाद भी नदियों का कटाव जारी है. स्थानीय लोग हर साल बाढ़ के कारण विस्थापन का दर्द झेलते है. दरअसल, जिले के सुगौली नगर पंचायत के आमिरखान घाट टोला के लोग सिकरहना नदी के कटाव से दहशत में हैं. लेकिन फिर भी जिला प्रशासन ने कटावरोधी कार्य कुछ मीटर में करके छोड़ दिया है.
नदी का कटाव काफी तेज है. नदी की धारा कटाव करते-करते गांव के काफी नजदीक आ गई है. जिस कारण ग्रामीण भयभीत हैं. एक तो पहले हीं गांव के कई लोगों का घर बाढ़ में ध्वस्त हो गया है. वहीं नदी के कटाव से बची जमीन भी नदी में समा जाने की चिंता से ग्रामीण चिंतित हैं.
सिकरहना नदी के कटाव से दहशत में है लोग काफी तेज है नदी का कटाव
आमीर खान घाट टोला के ग्रामीण मो. याकूब ने बताया कि पानी कम होने बाद सिकरहना नदी अब कटाव कर रही है. घर बचेगा कि नदी में समा जाएगा यह कहना मुश्किल है, लेकिन हम लोगों की सुध लेने अब तक कोई नहीं आया है. वहीं मो. वाजिद ने बताया कि नदी में बाढ़ आने के बाद हर साल गांव के लोग एनएच पर शरण लेते हैं और पानी कम होने के बाद जब हम लोग अपने घर लौटते हैं, तो नदी में कटाव शुरु हो जाता है. नदी का कटाव गांव के काफी नजदीक आ गया है.
नदी के कटाव से भयभीत हैं ग्रामीण
बाढ़ में घर गिर जाने से सरकारी स्कूल में रह रही फातिमा खातून ने बताया कि नदी के प्रलय में उसका घर गिर गया है और वह अभी सरकारी स्कूल में रह रही है. लेकिन नदी अब उसके गिरे हुए घर वाले जमीन के काफी नजदीक आ गई है. वहीं सबरा खातून ने बताया कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद वह परिवार समेत अपने घर में आ गई है, लेकिन नदी का कटाव काफी तेज होने से हमेशा डर बना हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर उसका घर कटाव से नदी में समा जाएगा, तब वह अपने बाल-बच्चों को लेकर कहां रहेगी. उसने बताया कि वह अपने परिवार के साथ दहशत में जी रही है, लेकिन उसे देखने अब तक कोई नहीं आया है.
सिकरहना नदी के किनारे हो रहा कटाव हर साल विस्थापन और कटाव का झेलते हैं दंश
बता दें कि सुगौली नगर पंचायत क्षेत्र में आमिर खान घाट टोला है, जो सिकरहना नदी के किनारे बसा हुआ है. प्रत्येक साल बारिश के समय में बाढ़ के कारण यहां के लोग विस्थापन का दंशझेलते हैं. साथ हीं नदी के कटाव से हर साल इस गांव के लोग परेशान रहते हैं. इस साल भी नदी का जलस्तर कम होने के बाद नदी का कटाव चरम पर है और ग्रामीण दहशत में हैं.