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आरटीआई कार्यकर्ता हत्याकांड: दो अभियुक्तों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, सफेदपोशों की भूमिका की चल रही जांच

मोतिहारी में हरसिद्धि थाना क्षेत्र (Harsiddhi Police Station Area) के आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हत्याकांड (RTI activist murder case) में पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को पकड़ा है. दोनों के पास से पुलिस ने एक पिस्तौल और 6 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं.

आरटीआई कार्यकर्ता हत्याकांड
आरटीआई कार्यकर्ता हत्याकांड

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Published : Dec 23, 2021, 9:32 PM IST

पूर्वी चंपारण:बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हत्याकांड (RTI activist Vipin Agarwal murder case) में पुलिस ने दो मुख्य अभियुक्त को सुगौली थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. मोतिहारी में गिरफ्तार दो आरोपी (Two accused arrested) सगे भाई हैं. आरोपियों के पास से पुलिस ने एक पिस्तौल और 6 जिंदा कारतूस बरामद किया है. गिरफ्तार अभियुक्तों ने आरटीआई कार्यकर्ता हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

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गिरफ्तार अभियुक्तों के बारे में जानकारी देते हुए एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि ''गुप्त सूचना के आधार पर अरेराज डीएसपी के नेतृत्व में हुई छापेमारी में इन दोनों की गिरफ्तारी उनके घर से हुई है. गिरफ्तार अजय सिंह और विजय सिंह दोनों सुगौली थाना क्षेत्र के रायपट्टी भटहां गांव के रहने वाले हैं.''

आरटीआई कार्यकर्ता हत्याकांड

बता दें कि 24 सितंबर को दिनदहाड़े हरसिद्धि प्रखण्ड कार्यालय गेट के पास आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल को अपराधियों ने गोलियों से भूनकर उनकी हत्या कर दी थी. परिजनों ने अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध हरसिद्धि थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. घटना के बाद पुलिस अनुसंधान में कई लोगों के नाम सामने आए, जिसमें पांच लोगों को पूर्व में गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

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दरअसल, आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हरसिद्धि बाजार के सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. जिस कारण भूमि माफिया समेत कई सफेदपोश विपिन अग्रवाल को टारगेट किए हुए थे. विपिन अग्रवाल पर कई झूठे मुकदमे कराये गए और उन पर कई बार हमला भी हुआ था, लेकिन विगत 24 सितंबर को प्रखंड कार्यालय के पास बाइक सवार अपराधियों ने उनकी हत्या कर दी. जिस कांड के अनुसंधान में कई भूमि माफियाओं के अलावा सफेदपोश लोगों के नाम भी सामने आए हैं. लेकिन, पुलिस उन सफेदपोशों पर हाथ डालने से तत्काल कतरा रही है और इस हत्याकांड में कुछ लोगों की भूमिका की जांच जारी रहने की बात कह रही है.

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