मोतिहारी : समायोजन की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से अनशन कर रहे टोला सेवक और तालिमी मरकज के स्वयं सेवकों का सब्र शनिवार को जबाब दे दिया. जिसके बाद टोला सेवकों ने डीईओ कार्यालय में जमकर हंगामा किया. नौबत हाथापाई तक की आ गई. टोला सेवकों के उग्र रुप को देखते हुए पुलिस बुलानी पड़ी. जिसके बाद पुलिस की मध्यस्थता में डीईओ के साथ अनशनकारी टोला सेवकों के साथ वार्त्ता हुई.
डीईओ कार्यालय में हंगामा करते टोला सेवक
16 महीने से नहीं मिला मानदेय
दरअसल, वित्तीय वर्ष 2014-15 में बहाल 112 टोला सेवकों की बहाली नियम को गलत बताते हुए 16 महीना सेवा देने के बाद उन्हें चयन मुक्त कर दिया गया. इसके अलावा उन्हें 16 महीने का मानदेय भी नहीं मिला. जिसके बाद चयनमुक्त 112 टोला सेवक हाईकोर्ट गए और कोर्ट ने समायोजन का आदेश जिला के शिक्षा विभाग को दिया. लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी टोला सेवकों की बात को सुनने को तैयार नहीं हैं. लिहाजा, टोला सेवकों ने अपने समायोजन की मांग को लेकर 19 और 20 अगस्त को दो दिवसीय सांकेतिक धरना दिया.
मोतिहारी में समायोजन की मांग को लेकर चार दिनों से अनशन कर रहे टोला सेवक
21 अगस्त से आमरण अनशन कर रहे हैं टोला सेवक
उसके बाद 21 अगस्त से टोला सेवक आमरण अनशन कर रहे हैं. लेकिन पिछले चार दिनों से अनशन कर रहे टोला सेवकों का शनिवार को सब्र जबाब दे गया और टोला सेवकों ने डीईओ कार्यालय में जमकर हंगामा किया. इसके साथ ही डीईओ कार्यालय का गेट बंदकर उन्हे बंधक भी बना लिया. जिसके बाद टोला सेवकों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस बुलानी पड़ी. सूचना मिलते ही पुलिस डीईओ कार्यालय पहुंची और अनशनकारी टोला सेवकों के प्रतिनिधियों को वार्त्ता के लिए राजी कराया. जिसके बाद पुलिस की मध्यस्थता में टोला सेवक और जिला शिक्षा अधिकारी के साथ वार्त्ता हुई.
डीईओ के आश्वासन के बावजूद जारी है अनशन
वार्त्ता में यह निर्णय हुआ कि टोला सेवकों और तालिमी मरकज स्वयं सेवकों से संबंधित मामले को देख रहे डीपीओ से रविवार को आने के बाद बातचीत होगी. हालांकि, डीईओ के आश्वासन के बावजूद टोला सेवकों का अनशन जारी है. टोला सेवकों का अपने समायोजन की मांग को लेकर यह ग्यारहवां आंदोलन है और इस बार टोला सेवक निर्णायक आंदेलन की तैयारी के साथ अनशन पर बैठे हैं.