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बिहार में CM नीतीश कुमार के शिक्षा नीति से असंतुष्ट है छात्र-छात्राएं

पूर्वी चंपारण जिले के प्रतिष्ठित मुंशी सिंह कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने खुलकर नीतीश कुमार को उच्च शिक्षा नीति के मोर्चे पर फेल बताया है. साथ ही छात्राओं ने महिला शिक्षा और महिला सुरक्षा के मामले में भी सरकार को असफल करार दिया है.

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Published : Oct 26, 2020, 2:58 AM IST

मोतिहारी
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मोतिहारी: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर जिले के 12 विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे और तीसरे चरण में चुनाव होना है. लेकिन इस बीच ईटीवी भारत के संवाददाता जिले के प्रतिष्ठित मुंशी सिंह कॉलेज पहुंचे, जहां नीतीश कुमार के शिक्षा नीति पर छात्र-छात्राओं ने खुलकर अपनी बातें रखी. दरअसल, जिले के छात्र-छात्राओं के लिए एमएस कॉलेज में नामांकन कराना सपना होता है. एमएस कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने नीतीश कुमार को उच्च शिक्षा नीति के मोर्चे पर फेल बताया. साथ ही छात्राओं ने महिला शिक्षा और महिला सुरक्षा के मामले में सरकार को असफल करार दिया.

कॉलेज में नहीं हैं शिक्षक
एमएस कॉलेज में नामांकित रसायन शास्त्र के पीजी के छात्र मो. इम्तेयाज ने बताया कि उनके फैकेल्टी में एक भी शिक्षक नहीं हैं. उन्होंने पीजी में नामांकन लेने के बाद कई बार कॉलेज प्रशासन को शिक्षक उपलब्ध कराने के लिए कहा, लेकिन इस दिशा में आजतक कोई सुनवाई नहीं हुई. इम्तेयाज ने नीतीश कुमार के शिक्षा नीति के प्रति अपना असंतोष जताया. वहीं छात्र मनीष कुमार ने बताया कि शिक्षा में सुधार सबसे अधिक जरुरी है, क्योंकि समाज और देश के विकास का सबसे बड़ा माध्यम शिक्षा है. लेकिन जिले के सबसे प्रतिष्ठित एमएस कॉलेज में शिक्षकों के साथ ही संसाधनों की भी भारी कमी है.

देखें पूरी रिपोर्ट

छात्रों की आवाज को दबाने के लिए नहीं हुआ छात्र संघ चुनाव
वहीं कॉलेज की छात्रा का मानना है कि नीतीश कुमार महिला शिक्षा और महिला सुरक्षा के मोर्चे पर फेल है. छात्रा के अनुसार सरकार ने महिला सुरक्षा और शिक्षा के दिशा में कोई काम नहीं किया हैं, जबकि एमएस कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्र नेता दिव्यांशु मिश्रा ने शिक्षा के मामले में नीतीश सरकार के कार्यकाल को फ्लॉप शो बताया. जिस सरकार ने बिहार के शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है. दिव्यांशु के अनुसार 35 साल बाद छात्रसंघ का चुनाव 2018 में हुआ, लेकिन छात्र संघ के चुनाव को एकबार फिर से बंद कर दिया गया है, ताकि छात्रों के आवाज को दबाया जा सके.

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