मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले का बंजरिया प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है. प्रखंड की सभी 13 पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. लोग परेशान हैं और सरकारी राहत का इंतजार कर रहे हैं. नरकटिया से आरजेडी विधायक डॉ. शमीम अहमद ने अपने विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले बाढ़ प्रभावित बंजरिया प्रखंड का दौरा किया. उन्होंने बाढ़ जैसी विपदा में निपटने के लिए सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े किए.
बाढ़ को लेकर RJD विधायक का सरकार पर हमला, कहा- आपदा से निपटने की नहीं है तैयारी
आरजेडी विधायक डॉ. शमीम अहमद ने कहा कि बाढ़ से निपटने की सरकार की कोई तैयारी नहीं है. आरजेडी की सरकार होती तो लोगों को बाढ़ से हमेशा के लिए छुटकारा मिल गया होता.
'सरकारी स्तर पर नहीं है तैयारी'
विधायक ने बंजरिया प्रखंड के जटवा, जनेरवा और सिसवनिया समेत बाढ़ प्रभावित कई गांवों का दौरा किया. उस दौरान उन्होनें बाढ़ पीड़ितों बातचीत कर उनकी समस्याओं से अवगत हुए. विधायक ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए बरसात से तीन महीने पहले से ही सरकारी स्तर पर तैयारियां शुरू हो जाती है, फिर भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एक भी सरकारी नाव नहीं है. लोगों के पास खाने-पीने को कुछ नहीं है. सामुदायिक किचन की शुरुआत की गई है, लेकिन उसका ठीक ढंग से संचालन नहीं हो पा रहा है. सरकार बाढ़ पीड़ितों के भावनाओं के साथ खिड़वाड़ कर रही है.
'आरजेडी की सरकार होती तो मिल गई होती राहत'
बंजरिया प्रखंड में प्रतिबर्ष आने वाली बाढ़ के स्थाई निदान के सवाल पर डॉ. शमीम अहमद ने कहा कि जब महागठबंधन की सरकार थी, तब उन्होंने पहल करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सामने प्रस्ताव रखा था. जिस पर काम भी शुरू हुआ था, लेकिन सरकार से उनलोगों के हटने के बाद प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. उन्होंने कहा कि आरजेडी की सरकार रहती तो इलाके को अभी तक बाढ़ से निदान मिल गया होता.