पूर्वी चंपारण(मोतिहारी):जिले के कई विधानसभा सीटों पर परिणाम आने के बाद हार-जीत की समीक्षा भी शुरु हो गई है. चुनाव परिणाम पर नजर डाली जाए तो जिला में आरजेडी के बागी प्रत्याशियों ने महागठबंधन के उम्मीदवारों को काफी नुकसान पहुंचाया है. बागियों ने जिला के चिरैया, मधुबन, केसरिया और रक्सौल विधानसभा क्षेत्रों में आरजेडी प्रत्याशियों की खटिया खड़ी कर दी.
साल 2015 के चुनाव में जिला के 12 विधानसभा क्षेत्रों में से चार नरकटिया, हरसिद्धि (सु), ढ़ाका और केसरिया सीट पर आरजेडी ने कब्जा किया था, लेकिन 2020 के चुनाव में तीन नरकटिया, सुगौली और कल्याणपुर सीट ही आरजेडी जीत सकी. जबकि, अपनी केवल एक जीती हुई सीट नरकटिया को आरजेडी बचा पाई. वहीं, सुगौली और कल्याणपुर को आरजेडी ने बीजेपी से छीन लिया है. जिले के दो सीट गोविंदगंज और रक्सौल में कांग्रेस दो नंबर पर रही. पीपरा में महागठबंधन के घटक सीपीआईएम प्रत्याशी को भी दूसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा.
बागियों ने जिला में राजद को पहुंचाया नुकसान
राजद के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक राजेंद्र राम ने टिकट बंटवारें को को लेकर कटघरे में खड़ा कर दिया. प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र राम ने बताया कि बागियों के कारण पूर्वी चंपारण में राजद को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि बागियों के अलावा टिकट बंटवारा भी एक कारण है. साथ हीं संगठनात्मक समस्याओं के कारण भी चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ा है.
केसरिया से डॉ. राजेश थे आरजेडी के बागी उम्मीदवार
12 विधानसभा क्षेत्रों में से 9 आरजेडी के कोटे में था. दो सीट कांग्रेस के खाते में गया और एक सीट सीपीआईएम की झोली में गया. आरजेडी ने केसरिया विधायक डॉ. राजेश कुमार और हरसिद्धि विधायक राजेंद्र राम को टिकट नहीं दिया. राजेंद्र राम ने आरजेडी में अपनी आस्था जताते हुए पार्टी से बगावत नहीं की, लेकिन केसरिया विधायक डॉ. राजेश कुमार ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा. जिसका प्रभाव यह हुआ कि जेडीयू प्रत्याशी शालिनी मिश्रा ने केसरिया सीट से 9227 मतों से चुनाव जीत लिया. जबकि, आरजेडी के बागी डॉ. राजेश कुमार को 17 हजार 729 मत प्राप्त हुए है. आरजेडी प्रत्याशी संतोष कुमार जितने वोट से हारे हैं. लगभग उससे दोगुना वोट आरजेडी के बागी डॉ. राजेश कुशवाहा को मिले हैं.
रक्सौल में आरजेडी के बागी उम्मीदवार थे सुरेश यादव
रक्सौल विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस उम्मीदवार रामबाबू यादव चुनावी मैदान में थे, लेकिन आरजेडी के बागी सुरेश यादव ने रक्सौल विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशियों के रुप ताल ठोक दिया और सुरेश यादव को 28 हजार 593 वोट प्राप्त हुए. जबकि, बीजेपी के प्रमोद सिंहा ने कांग्रेस प्रत्याशी रामबाबू यादव को 36 हजार 923 वोट से हराया. माना जा रहा है कि सुरेश यादव बागी नहीं होते तो महागठबंधन उम्मीदवार की स्थिति ठीक रहती.
चिरैया और मधुबन में भी आरजेडी के बागियों ने बिगाड़ा खेल
चिरैया विधानसभा क्षेत्र से पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण यादव ने आरजेडी से बगावत कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए. आरजेडी ने अच्छे लाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया . लक्ष्मी नारायण यादव को 16हजार 395 वोट मिले. जबकि, बीजेपी प्रत्याशी अच्छे लाल यादव की हार 16 हजार 874 वोट से हुई है. अच्छे लाल यादव को बीजेपी के लालबाबू गुप्ता ने मात दी. मधुबन विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक शिवजी राय आरजेडी से बगावत कर जन अधिकार पार्टी से चुनावी मैदान में उतर गए. जिसका प्रभाव आरजेडी उम्मीदवार मदन प्रसाद के चुनाव परिणाम पर पड़ा और बीजेपी प्रत्याशी व सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने 6 हजार 115 वोट के अंतर से मधुबन विधानसभा क्षेत्र से बाजी मार ली.