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प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में NRC और CAB का विरोध - नागरिकता संशोधन बिल

प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में एनआरसी के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हो रहा है. छपरा, औरंगाबाद और रक्सौल में काफी उग्र प्रदर्शन किया जा रहा है.

NRC और CAB का विरोध
NRC और CAB का विरोध

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Published : Dec 14, 2019, 10:40 PM IST

Updated : Dec 15, 2019, 8:01 AM IST

रक्सौल/ सारण/ औरंगाबाद: प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में एनआरसी के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया जा रहा है. नागरिकता संशोधन बिल जो अब कानून बन गया है के लोकसभा और राज्यसभा से पास हो जाने के बाद से सबसे पहले असम से इसका विरोध शुरू हुआ. धीरे-धीरे बढ़ते हुए यह विरोध पूरे देश में फैल गया है. शनिवार को छ्परा में इसके विरोध में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. पहले विरोध मार्च निकला गया और इसके बाद डीएम कार्यालय परिसर में जमकर सरकार विरोधी नारे लगाये गये.

छपरा के कई संगठनों खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ कांग्रेस, आरजेडी और भीम सेना के हजारों लोगों ने करीम चक खनुआ से विरोध प्रदर्शन करते हुए थाना चौक पर सड़क जाम कर दिया. इसके बाद नगरपालिका चौक पर भी काफी देर तक जमकर प्रदर्शन किया गया.

एनआरसी और सीएबी का विरोध

औरंगाबाद में भी प्रदर्शन
इसके अलावा औरंगाबाद में भी इस बिल के विरोध में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन के कार्यकर्ताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंका. शनिवार की दोपहर एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने औरंगाबाद के रमेश चौक पर उग्र प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने इस दौरान केंद्र सरकार, राज्य सरकार, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की. सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने इस विधेयक को रद्द करने की मांग की. उनका कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक हितों के खिलाफ है.

एनआरसी और सीएबी के विरोध में प्रदर्शन

राजद समर्थकों ने सीएम का फूंका पुतला
रक्सौल में भी पोस्ट आफिस चौक पर आरजेडी समर्थकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. कार्यक्रम का नेतृत्व रक्सौल विधानसभा नेता रवि मस्करा ने किया. मस्करा ने कहा कि मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने सीएबी और एनआरसी के माध्यम से संविधान के साथ खिलवाड़ किया है.

एनआरसी और कैब का विरोध में सीएम का फूंका पुतला

क्या है इस बिल
नागरिकता संशोधन बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के संबंध में है. इस बिल से अल्पसंख्यकों को बाहर रखा गया है. केंद्र सरकार का तर्क है कि क्योंकि वे इन तीनों देशों में माइनॉरिटी नहीं हैं इसीलिए उन देशों के मुसलमानों को सीएए में शामिल नहीं किया गया है. यही वजह है कि लगातार चौतरफा इस बिल का विरोध हो रहा है.

Last Updated : Dec 15, 2019, 8:01 AM IST

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