बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Motihari News: 2025 तक यक्ष्मा को खत्म करने का लिया संकल्प, चिकित्सकों ने टीबी के मरीजों को लिया गोद

विश्व यक्ष्मा दिवस के मौके पर रेडक्रॉस के अलावा जिला के कई चिकित्सकों ने टीबी मरीजों को गोद लिया. उन मरीजों के निर्धारित डायट को वे उपलब्ध करायेंगे. इस मौके पर रेडक्रॉस की तरफ से 247 यक्ष्मा मरीजों के बीच पोषाहार का वितरण किया गया. पढ़ें पूरी खबर...

विश्व टीबी दिवस पर मोतिहारी में कार्यक्रम का आयोजन
विश्व टीबी दिवस पर मोतिहारी में कार्यक्रम का आयोजन

By

Published : Mar 24, 2023, 7:33 PM IST

मोतिहारीःबिहार के मोतिहारीमें विश्व यक्ष्मा दिवस (world tuberculosis day) पर भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी मोतिहारी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर रेडक्रॉस के अलावा जिला के कई चिकित्सकों ने टीबी मरीजों को गोद लिया. इस मौके पर रेडक्रॉस के तरफ से 247 यक्ष्मा मरीजों के बीच पोषाहार का वितरण किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम शीर्षत कपिल अशोक और चेयरमैन विभूति नारायण सिंह समेत कई लोगों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

ये भी पढ़ें : Motihari Crime News: एटीएस ने PFI सदस्यों की तलाश में दो दिनों तक की छापेमारी

2025 से पहले जिले को यक्ष्मा मुक्त बनाने का लिया संकल्प:कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि 24 मार्च को पूरे विश्व में यक्ष्मा दिवस मनाया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2025 तक यक्ष्मा मुक्त भारत बनाने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में हर संभव कार्य करने का संकल्प उपस्थित लोगों ने लिया. सभी ने वर्ष 2025 से पहले पूर्वी चंपारण जिला को यक्ष्मा मुक्त बनाने का संकल्प लिया.

रेडक्रॉस ने 247 मरीजों में बांटा पोषाहार:इस मौके पर रेडक्रॉस के तरफ से 247 यक्ष्मा मरीजों के बीच पोषाहार का वितरण किया गया. रेडक्रॉस ने पोषाहार के रूप में तीन किलोग्राम चना दाल,डेढ़ लीटर सरसो तेल, ढ़ाई सौ ग्राम बादाम, बिस्कुट,अंडा समेत कई पोषणयुक्त समग्री मरीजों को दी।साथ हीं रेडक्रॉस ने 100, डॉ. आशुतोष शरण ने 25, डॉ. अजय कुमार ने 15,डॉ. चंद्र सुभाष ने 15 मरीजों को गोद लिया.
"टीबी के मरीज को बीमारी से बाहर लाने के दो तरीके हैं. पहला मरीजों का इलाज करके और दूसरा मरीजों का मदद करके उन्हें बीमारी से बाहर लाया जा सकता है. मरीजों पर प्रति महीना 800 रुपया का खर्च आता है. इसलिए जिन लोगों ने यक्ष्मा मरीजों को गोद लिया है. वे छह महीना तक मरीजों का सहयोग करेंगे. लोगों का यह छोटा सा सहयोग समाज में व्यवहार परिवर्तन ला रहा है."-शीर्षत कपिल अशोक, डीएम

ABOUT THE AUTHOR

...view details