मोतिहारी:पूर्वी चंपारण जिला परिषद् अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के बाद कड़ाके की ठंड के बावजूद जिले की राजनीति गलियारे में गरमाहट देखी जा रही है. भाजपा विधायक पवन जायसवाल की पत्नी और पूर्व जिप अध्यक्ष प्रियंका जायसवाल की उपाध्यक्ष पद पर हुई हार (Priyanka Jaiswal Lost Zilla Parishad Election) के बाद राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
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प्रियंका जायसवाल के हार के बाद उनके पति और भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिप अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के हुए चुनाव को लेकर अपने दल के नेताओं पर इशारो ही इशारो में पवन जायसवाल ने जमकर हमला बोला. पवन जायसवाल ने बिना किसी का नाम लिए राजनीतिक लहजे में अपने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि जैसा न्योता लोगों ने किया है. ठीक वैसा ही न्योता उनको भी मिलेगा.
जिला परिषद् अध्यक्ष के सरकारी आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने अपनी पत्नी प्रियंका जायसवाल के उपाध्यक्ष पद पर हुई हार को स्वीकार किया. साथ ही, उन्होंने अपने दल के नेताओं को अस्पष्ट रुप से कटघरे में खड़ा कर दिया. प्रियंका जायसवाल की उपाध्यक्ष पद पर हुई हार को भाजपा की हार से संबंधित सवाल पूछे जाने पर विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि यह तो भाजपा के वह नेता बतायेंगे. जो, मेरे साथ नहीं थे.
'जिला परिषद् अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में कई नेता किंग मेकर बन कर घूम रहे हैं. तो, कोई भीष्म पितामह बने हुए हैं. लेकिन, किंग मेकर और भीष्म पितामह बने नेता प्रियंका जायसवाल को मात्र तीन वोट से ही उपाध्यक्ष पद पर जाने से रोक पाएं.'- पवन जायसवाल, बीजेपी विधायक
पवन जायसवाल ने स्थानीय प्राधिकारियों के निर्वाचन क्षेत्र से प्रियंका जायसवाल के विधान परिषद चुनाव लड़ने के अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि बब्लू गुप्ता विधान परिषद् सदस्य हैं और वही चुनाव लड़ेंगे. पूर्वी चंपारण जिला में 57 जिला परिषद् सदस्य हैं और 3 जनवरी को जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव में जिला में राजनीति के कई रंग देखने को मिला. दो खेमों में बटी जिले की राजनीति में पहली बार दलीय मर्यादायें टूटी हुई दिख रही थी. कई लोग पर्दे के पीछे खड़े थे. तो, कई नेता स्पष्ट रुप से सामने दिखे. जिप अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर जिला में एक नया राजनीतिक समीकरण बन गया था.
बता दें कि जिला परिषद् के पिछले कार्यकाल में भाजपा विधायक पवन जायसवाल की पत्नी प्रियंका जायसवाल जिला परिषद् अध्यक्ष और कमलेश्वर सिंह उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. वहीं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद जिला परिषद् अध्यक्ष के चुनाव में प्रियंका जायसवाल खुद उम्मीदवार नहीं बनी और अपने खेमा की नीतू गुप्ता को आगे कर अध्यक्ष पद पर दांव लगाया. लेकिन ममता राय के राजनीतिक जोड़-तोड़ के आगे नीतू गुप्ता टिक नहीं पाईं और ममता राय ने जिप अध्यक्ष के पद पर बाजी मार लीं. जिप अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में ममता राय को 45 वोट मिले. वहीं, नीतू गुप्ता को 10 वोट प्राप्त हुए. जबकि दो वोट रद्द हुए हैं.
वहीं, जिला परिषद् अध्यक्ष पद के रेस से अलग रही प्रियंका जायसवाल ने उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन करके सबको चौंका दिया. जिप उपाध्यक्ष पद के लिए गीता देवी और प्रियंका जायसवाल उम्मीदवार बनी. जिप अध्यक्ष ममता राय के खेमा से गीता देवी उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवार थी. चुनाव में गीता देवी को 31 मत मिले. वहीं, प्रियंका जायसवाल को 26 वोट प्राप्त हुए. गीता देवी ने 5 वोट से प्रियंका जायसवाल को शिकस्त दे दी है.
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