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Bihar Terror Module: रियाज के पुश्तैनी घर पर NIA की छापेमारी, 4 घंटे की तलाशी में दस्तावेज जब्त

चकिया थाना क्षेत्र के कुअवां गांव के रहने वाले पीएफआई के उत्तर बिहार के जनरल सेक्रेटरी रियाज मारुफ उर्फ बब्लू के घर NIA की छापेमारी समाप्त हो गई है. रियाज के घर पर एनआईए की टीम (Phulwari Sharif Terror Module) ने 4 घंटे तक छापेमारी की. रियाज की मां और उसके छोटे भाई से NIA की टीम ने पूछताछ भी किया. टीम को रियाज के घर से बैनर पोस्टर और कुछ संदिग्ध कागजात भी बरमद हुआ है.

Bihar Terror Module
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Published : Jul 28, 2022, 5:46 PM IST

मोतिहारी: फुलवारी शरीफ टेटर मॉड्यूल (Bihar Terror Module) के खिलाफ बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एनआईए ने छापेमारी की. NIA की टीम ने चकिया थाना क्षेत्र के कुअवां गांव के रहने वाले PFI के उत्तर बिहार के जनरल सेक्रेटरी रियाज मारुफ उर्फ बब्लू के पुश्तैनी मकान पर कार्रवाई की. रियाज के घर पर एनआईए ने लगभग 4 घंटे तक छापेमारी की, इस दौरान टीम ने रियाज की मां और उसके छोटे भाई से पूछताछ किया. सूत्रों से पता चला है कि रियाज के घर से कुछ दस्तावेज बरामद (document recovered from Reyaze House) हुए हैं. NIA संदिग्ध दस्तावेजों को जब्त कर अपने साथ ले गई है. एनआईए की टीम ने रियाज के घर से बरामदगी के बारे में कुछ नहीं बताया.

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रियाज के पुश्तैनी घर की NIA ने ली तलाशी: बता दें कि सुबह सवेरे चकिया थाना के कुअवां गांव के लोग अपनी दिनचर्या में लगे थे, तभी पुलिस की गाड़ियां गांव में प्रवेश करने लगीं. सभी गाड़ी इसी गांव के रहने वाले रियाज के दरवाजे पर जाकर रुकीं. गाड़ियों से उतरे अधिकारी रियाज के घर में घुसे और घर की तलाशी शुरु कर दी. रियाज के छोटे भाई ने बताया कि वह अभी घर से निकल ही रह था, उसी दौरान एनआईए की टीम दरवाजे पर पहुंची थी. एनआईए की टीम के सहयोग के लिए वह रुक गया. एनआईए उसके घर से क्या जब्त करके ले गई है अथवा एनआईए ने उससे क्या पूछा है. उसने बताने से इंकार कर दिया.

घर से बरामद दस्तावेज ले जाने की खबर: रियाज के घर में उसकी बूढ़ी मां और छोटा भाई है. छोटा भाई गांव के ही मदरसा में शिक्षक है. एनआईए की टीम रियाज के घर को खंगाल रही है. पटना में दर्ज एफआईआर में चकिया के रहने वाले पीएफआई के जेनरल सेक्रेटरी रियाज मारुफ उर्फ बब्लू का भी नाम सामने आया था. हालांकि रियाज अभी फरार है और एनआईए उसकी तलाश कर रही है.

अब सिर्फ एनआईए ही देखेगी मामला: बता दें कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद कहीं ना कहीं एनआईए के द्वारा गजवा ए हिंद के साथ-साथ मिशन 2047 पर खास जोर दिया जा रहा है. एनआईए के द्वारा मिशन 2047 का क्या मकसद था और इसमें कौन-कौन लोग किस किस देश से जुड़े हुए हैं, सभी बिंदुओं पर जांच की शुरुआत कर दी गई है. बताया जाता कि मामले को अब सिर्फ एनआईए ही देखेगी. जरूरत के हिसाब से पटना पुलिस, एटीएस अब जांच में सिर्फ सहयोग करेगी. इससे पहले पटना पुलिस और एटीएस इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्त मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, नुरुद्दीन जंगी और मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है और इनसे पूछताछ के दौरान कई तरह के साक्ष्य भी इकट्ठा किये गए हैं. अब मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए द्वारा इस मामले को टेक ओवर करने के बाद एनआईए फिर से इन चारों को रिमांड पर लेकर अपने स्तर से पूछताछ करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि एनआईए इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा कर सकती है.

क्या है मिशन 2047?: 2047 तक इंडिया इस्लामिक देश (Mission Islam 2047) बनाने की योजना है. भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने 7 पेज का एक्शन प्लान बनाया था जिसमें लिखा था, 10% मुस्लिम साथ दे तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे. उनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित ओबीसी को अलग करने की थी. इस मामले में अब तक 8 संदिग्ध गिरफ्तार हो चुके है. अब 18 लोगों की एनआईए को तलाश है. अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मरगूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से तीन की पहले गिरफ्तारी हुई थी और जांच के दौरान और चार लोगों को पकड़ा गया था.

रियाज मारुफ समेत FIR में 26 नाम: अतहर परवेज और जलालुद्दीन के अलावा 24 अन्य संदिग्ध हैं जो लोगों को बरगलाने का काम करते थे. एफआईआर में दर्ज नामों में 1- समीम अख्तर, 2-रियाज मारुफ, 3-सनाउल्लाह, 4-तौसिफ, 5-महबूब आलम, 6-एहसान परवेज, 7-मो. सलमान, 8-मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), 9-महबूब-ऊर-रहमान, 10- इम्तियाज दाऊद, 11-महबूब अलम, 12-खलीकुर जमा, 13-मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारीशरीफ के कर्मचारी), 14-जिशान अहमद, 15-रियाज अहमद, 16-मंजर परवेज, 17- नुरुद्दीन जंगी ऊर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, 18- मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), 19- मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), 20- मंजहरुल इस्लाम, 21- अब्दुर्रहमान, 22 मो. मुस्तकिन, 23- अरमान मलिक, 24- परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल), ये वो लोग हैं जो समय समय पर फुलवारीशरीफ आकर ब्रेनवॉश करते थे. भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करते थे.

ऐसे हुआ था आतंकी साजिश का खुलासा: दरअसल, इस पूरे मामले की भनक पुलिस को तब लगी जब 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले 11 जुलाई को फुलवारी शरीफ में संदिग्ध अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर बताया गया कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे थे. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. जब इस मामले की जांच आगे बढ़ी तो बिहार में एक बड़े आतंकी साजिश का खुलासा हुआ. अब NIA इन सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी.

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