पूर्वी चम्पारण (रक्सौल) :बिहार के रक्सौल स्थिति इंडो-नेपाल बॉर्डर के नो मेन्स लैंड शंकराचार्य गेट पर नेपाल सरकार की तरफ से बोर्ड लगा दिया गया. नेपाल पुलिस ने बोर्ड लगाकर उसे अपनी सीमा बता दिया. इस दौरान सीमा विवाद बढ़ गया. हालांकि, एसएसबी और सुरक्षा एजेंसियों के कड़े रुख के बाद नेपाल ने इस बोर्ड को हटा लिया.
मंगलवार को नेपाल की तरफ से भारत-नेपाल मैत्री पुल पर एक बोर्ड लगाया गया. इस बोर्ड पर ये लिखा गया, 'जिला प्रहरी कार्यालय पर्सा, वीरगंज सीमा क्षेत्र प्रारंभ.' इसके अलावा बोर्ड पर वहां के स्थानीय नेपाली अधिकारियों के फोन नंबर भी लिखे गए. लिहाजा, बिहार के लोगों ने इस बात का विरोध करना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद एसएसबी के जवान वहां पहुंच गए. पहले तो इस बाबत उन्होंने नेपाल पुलिस को समझाते हुए बोर्ड हटाने की बात की. लेकिन काफी देर बाद, जब कड़ा रुख अख्तियार किया गया. तब जाकर नेपाल ने अपना बोर्ड नो मेन्स लैंड से हटा लिया.
पहली बार नहीं हुआ सीमा विवाद
ऐसा यहां पहली बार नहीं हुआ है. पिछली दफा कोरोना से हुई मौतों के बाद नेपाली प्रशासन ने सभी शवों का अंतिम संस्कार नो मेन्स लैंड पर लाकर कर दिया था. स्थानीय सीमाई गांव आयुर्वेद टोला के ग्रामीणों ने उस वक्त भी कड़ा प्रतिरोध दर्ज कराया.