मोतिहारी: सच हीं कहा गया है "जाको राखे साईंया, मार सके ना कोय" पूर्वी चंपारण जिले में झाड़ियों में फेंके गए एक नवजात पर यह कहावत सटीक बैठती है. मामला जिले के हरसिद्धि थाना क्षेत्र का है. जहां एक एक कलयुगी मां ने एक बच्चे को जन्म देने के बाद उसे मरने के लिए झाड़ियों (Mother threw newborn in bushes) में फेंक दिया. जिसे एक आशा कार्यकर्ता ने ममता का छांव दिया है.
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रोने की आवाज सुनकर महिलाएं पहुंची:बताया जाता है कि गायघाट के बलुआड बस्ती के निकट स्थित झाड़ियों में (newborn thrown into bushes in Motihari) एक बच्चे की रोने की आवाज आ रही थी. जिसे सुनकर कुछ महिलाएं बच्चे को ढ़ूढ़ना शुरु किया. रोते हुए बच्चे को महिला ने प्लास्टिक में लपेटा हुआ पाया. जिसे गांव की ही एक महिला ने बच्चे को अपना लिया.
बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया:झाड़ियों में प्लास्टिक में लपेटे हुए बच्चे को गांव की ही आशा कार्यकर्ता पिंकी देवी ने अपने ममता का आंचल ओढ़ा दिया. नवजात के झाड़ियों में फेंकने की बात पूरे इलाके में फैल गई. जिसके बाद गांव के लोग मौके पर पहुंचे, और नवजात को झाड़ी फेंकने वाली निर्दयी मां को भला बुरा कहने लगी. इसी बीच पिंकी देवी ने उस नवजात को अपना बना लिया. नवजात बच्चा लड़का है और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है.
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