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Motihari News : सत्तरघाट से जल लाने गए मां बेटे गंडक नदी की तेज धार में डूबे, रेस्क्यू जारी

मोतिहारी स्थित सत्तरघाट पर गंडक नदी से जलबोझी करने गए एक मां और पुत्र नदी की तेज धार में बह गए . जिनकी तलाश स्थानीय गोताखोर कर रहे हैं. सूचना के बाद केसरिया अंचलाधिकारी के अलावा स्थानीय थाना की टीम मौके पर पहुंची है.

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Published : Aug 7, 2023, 12:09 PM IST

मां बेटे गंडक नदी की तेज धार डूबे
मां बेटे गंडक नदी की तेज धार डूबे

मोतिहारीःबिहार केपूर्वी चंपारण जिला के केसरिया थाना क्षेत्र स्थित सत्तरघाट पर गंडक नदी से जलबोझी करने गए मां और पुत्र तेज धार में बह गए. घटना के बाद आस-पास के लोगों की काफी भीड़ वहां इकट्ठा हो गई. जानकारी मिलने पर केसरिया अंचलाधिकारी के अलावा स्थानीय थाना की टीम भी मौके पर पहुंची और उसके बाद मोतिहारी से एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई, ये टीम दोनों को नदी में तालाश करने में जुटी है.

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जलबोझी करने गई थीं महिला और उसका पुत्र: जानकारी के मुताबिक लापता मां और बेटा को कल्याणपुर थाना क्षेत्र के मेदन सिरिसिया पंचायत स्थित बलमी सिरिसिया गांव के रहने वाले हैं, बताया जाता है कि 55 वर्षीया ममता देवी अपने 17 वर्षीय पुत्र आयुष कुमार के साथ केसरिया स्थित केसरनाथ महादेव मंदिर में जल चढ़ाने के लिए जलबोझी को लेकर गंडक नदी के सत्तरघाट पर गई थी. जलबोझी के पूर्व मां और पुत्र नदी में स्नान करने के लिए उतरे, गंडक नदी का जलस्तर इन दिनों बढ़ा हुआ है.

गंडक नदी के तेज बहाव में लापता मां बेटेःआयुष स्नान करने के दौरान नदी के तेज बहाव में असंतुलित होकर बहने लगा. जिसे बचाने के लिए उसकी मां ममता देवी गई और वह भी पुत्र के साथ नदी के तेज बहाव में बह गई. सत्तरघाट पर जलबोझी के लिए आए अन्य कांवरियों ने शोर मचाया तो स्थानीय गोताखोरों ने गंडक नदी के तेज बहाव में लापता हुए मां बेटे की खोज शुरु की, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल सका. घटना की जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस और अंचलाधिकारी को दी. तब अंचलाधिकारी और केसरिया पुलिस टीम मौके पर पहुंची.

आईएससी का छात्र है आयुष:अंचलाधिकारी ने मोतिहारी से एनडीआरएफ की टीम को खबर भेजी और तत्काल स्थानीय गोताखोरों की मदद से लापता मां बेटा की तलाश करायी जा रही है. नदी के बहाव में लापता हुआ आयुष आईएससी का छात्र है और वह मोतिहारी में रहकर पढ़ाई करता था. आयुष को अपनी मां ममता देवी के साथ केसरनाथ महादेव पर जलाभिषेक करने जाना था. स्थानीय लोगों की माने तो सावन के महीने में सोमवार को जलबोझी के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ सत्तरघाट पर लगती है. बावजूद इसके सत्तरघाट पर सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

"सावन के महीने में जलबोझी के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ नदी पर होती है, लेकिन घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से बैरिकेटिंग भी नहीं की गई है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम की तैनाती भी नहीं होती है. जबकि गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है"- स्थानीय

नदी के डूबे मां बेटे की खोज जारीःवहीं, केसरिया के प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि जानकारी मिलते ही पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचा और स्थानीय गोताखोरों की मदद से नदी के डूबे मां बेटे की खोज शुरू की. दोनों की तलाश अभी जारी है. अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचा हूं. एनडीआरएफ की टीम को मोतिहारी से बुलाया गया है, वह आ रही है. तत्काल स्थानीय गोताखोरों की मदद से नदी में डूबे मां बेटा की तलाश की जा रही है.

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