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यूक्रेन से लौटे ऋतिक का दावा अभी भी फंसे हैं कई छात्र, कहा- हर तरफ तबाही का मंजर... खाने-पीने की भी दिक्कत - ऋतिक राज यूक्रेन से मोतिहारी वापस लौटा

पूर्वी चंपारण के पुरनहिया गांव का रहने वाला ऋतिक राज यूक्रेन से मोतिहारी वापस लौटा (Hrithik Raj returns to Motihari from Ukraine) है. उसने बताया कि वहां खाने-पीने से लेकर तमाम तरह की दिक्कत होती थी. भारतीय एंबेसी की गाइडलाइन को लेकर उसने बताया कि जिस तरह से कहा गया, उस वजह से किसी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया.

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की स्वदेश वापसी
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की स्वदेश वापसी

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Published : Mar 6, 2022, 5:44 PM IST

Updated : Mar 6, 2022, 6:18 PM IST

मोतिहारी:रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के कारण यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की स्वदेश वापसी(Evacuation of Indian Students from Ukraine) का सिलसिला जारी है. बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के भी लगभग 50 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की आशंका जिला प्रशासन ने जाहिर की है. हालांकि उनमें से कई छात्र सुरक्षित बाहर निकल चुके हैं. इस बीच जिले के घोड़ासहन प्रखंड क्षेत्र स्थित पुरनहिया गांव का रहने वाला ऋतिक राज 5 मार्च को देर रात मोतिहारी पहुंचा है. ढाका से बीजेपी विधायक पवन जायसवाल (BJP MLA Pawan Jaiswal) ने उससे मुलाकात की और उसका कुशलक्षेम पूछा. इस दौरान यूक्रेन से लौटे छात्र ने बताया कि यूक्रेन में हर तरफ तबाही का मंजर (Massive Destruction in Ukraine) है. लोग पल-पल दहशत के साए में जी रहे हैं.

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यूक्रेन में खाने-पीने की दिक्कत: ऋतिक राज यूक्रेन के खारकीव स्थित बीएन काराजिन मेडिकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष का छात्र है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उसने बताया कि यूक्रेन में हर पल दहशत के साए में लोग समय गुजर रहे हैं. उसने बताया कि वहां खाने की दिक्कत होने लगी है. पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है. भूखे प्यासे वहां छात्र अपना समय गुजार रहे हैं. इस दौरान यूक्रेन के हालात को बताते हुए ऋतिक राज खुद भावुक हो गया. उसकी बातों को सुनकर वहां उपस्थित लोग भी भावुक हो गए. ऋतिक ने यूक्रेन में फंसे अपने अन्य साथियों के जल्द स्वदेश वापसी सुनिश्चित कराने के लिए केंद्र सरकार से गुजारिश की है.

बंकरों में छुपे हैं कई छात्र: ऋतिक के मुताबिक लोग बंकरों में छुपे हुए हैं. किसी तरह दहशत के माहौल में वहां पर समय गुजर रहा है. उसने बताया कि वहां फंसे छात्र डिप्रेशन में चले गए हैं. युद्ध शुरू होने के पहले सरकार की एडवाइजरी जारी करने के बावजूद छात्रों के नहीं लौटने पर उसने बताया कि कॉलेज ने भी गलती की और दूतावास से जारी एडवाइजरी स्पष्ट नहीं थी. उससे भ्रम की स्थिति हो गई. ऋतिक अब अपने और अपने साथियों के आगे की पढ़ाई को लेकर भी चिंतित है. उसने बताया कि कॉलेज प्रशासन द्वारा आगे ऑनलाइन पढ़ाई की बात कही जा रही है.

"पहले सब चीज नॉर्मल थी. न्यूज में आ रहा था कि कुछ न कुछ होने वाला है. उस चीज को हमलोगों ने सीरियसली नहीं लिया. अचानक 24 फरवरी की रात को रूस ने हमला कर दिया. सबसे पहले उन्होंने एयरपोर्ट को बर्बाद कर दिया, जिस वजह से निकलना पॉसिबल ही नहीं था. अभी भी काफी संख्या में बच्चे बंकर में शरण लिए हुए हैं. खाना-पीना की भी दिक्कत है. जिस बच्चे की गोली लगने से मौत हुई है, वह हमलोगों के सामने ही रहता था. उस दिन से हमारी चिंता और बढ़ गई. एंबेसी की गाइडलाइन स्पष्ट नहीं थी, जिस वजह से कॉलेज और बच्चों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया"- ऋतिक राज, मेडिकल छात्र

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'मेडिकल कॉलेज की फीस एक समान हो': वहीं, घर वापसी करने वाले ऋतिक से मिलने बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने मेडिकल शिक्षा के लिए देश से बाहर जा रहे छात्रों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा की वकालत करने की सराहना की है. उन्होंने कहा कि विदेश में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों को लेकर सीएम की पहल का असर होगा. राज्य और केंद्र दोनो सरकारों से मांग की है कि प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस एक समान हो. पवन जायसवाल ने बिहार सरकार से इस दिशा में पहल करने की मांग की है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र के स्तर से पूरे देश में मेडिकल शिक्षा के लिए एक रेट, एक फीस पर मोदी सरकार विचार करेगी.

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Last Updated : Mar 6, 2022, 6:18 PM IST

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